कैसे करें कन्या पूजन, अष्टमी और नवमी को ऐसे लगाएं भोग
शास्त्र की मानें तो नवरात्रों में माता के निमंत्रण से लेकर कन्याभोज तक हर एक चीज़ की अपनी महत्ता है। परंतु बिना कन्याभोज के नवरात्रि की पूजा सम्पूर्ण नहीं मानी जाती है। कन्या पूजन में प्रसाद स्वरूप सूखे नारियल मखाना मूंगफली मिसरी भेंट कर सकते हैं।
शास्त्र की मानें तो नवरात्रों में माता के निमंत्रण से लेकर कन्याभोज तक हर एक चीज की अपनी महत्ता है। परंतु बिना कन्याभोज के नवरात्रि की पूजा सम्पूर्ण नहीं मानी जाती है। कहा तो ये जाता है कि नवरात्रि के दिनों में हर दिन 1, 3, 5, 9, 11 विषम संख्या में अपनी क्षमता के अनुसार कन्या का पूजन करना चाहिए। परंतु कोरोना काल में हर दिन संभव ना हो तो अष्टमी, नवमी को भी कन्या पूजन कर सकते हैं लेकिन इस समय सभी व्रतियों के लिए समस्या है कि वह कैसे अपने घर कंजकों या कन्याओं को आमंत्रित करें। ज्योतिषाचार्या साक्षी शर्मा की मानें तो आप ऐसे समय में भी पूरे विधि-विधान से कन्या पूजन कर सकते हैं कैसे आइये जाने ।
घर की कन्याओं का पूजा:
नवरात्रि में पूजन की शुरुआत अपने घर से ही करें। अपने घर की पुत्री, परिवार की भतीजी या भांजी अथवा अन्य कन्याओं को भोजन करवाकर उनका पूजन करें लेकिन पूजन से पहले आप हाथ में जल लेकर यह संकल्प करें कि नवरात्र में कन्या पूजन के लिए मैं अपनी पुत्री को देवी मानकर उनका पूजन करता या करती हूं। अगर घर में छोटी कन्या ना हो तो घर के मंदिर में माता की पूजा करके उन्हें विभिन्न प्रकार के भोग लगाएं और माता को भेंट सामग्री अर्पित करें।
ना हो परिवार में पुत्री तो क्या करें:
यदि आपके परिवार में कोई पुत्री या कन्या न हो तो परेशान न हो। शुद्ध मन से भोग का सुखा सामान किसी जरूरतमंद कन्या के घर भिजवा दे। अथवा दक्षिणा और नारियल उठा कर रख दें। बाद में किसी कन्या को दे दें।
हलवे का लगाएं भोग:
कन्या को मीठा भोजन कराएं और जो भी दान देना हो उन्हें देवी भाव से ही भेंट करें। उस भेंट पर आप अपना अधिकार ना दिखाएं। नवरात्रि के दौरान कन्या का अपमान ना करें।
कोई भी पात्र न मिले तो:
माता के प्रसाद का कोई उचित पात्र ना मिले तो निराश न हो माता को याद करके गाय को भोग समर्पित करें। प्रसाद का कुछ हिस्सा माता का ध्यान करते हुए गाय को खिला दें। याद रखें इसके बाद भोग को घर के सभी सदस्य ग्रहण अवश्य करें।
सूखे प्रसाद से लगाये माता को भोग:
कन्या पूजन में प्रसाद स्वरूप सूखे नारियल, मखाना, मूंगफली, मिसरी भेंट कर सकते हैं। ये प्रसाद लंबे समय तक टिकते हैं और स्थिति सामान्य होने के बाद इन्हें किसी कन्या को अथवा माता के मंदिर में भेंट कर सकते हैं।
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