Varalakshmi Puja Vidhi : जानिये सावन के आखिरी शुक्रवार को माता वरलक्ष्मी की पूजा विधि और पूजा सामग्री
Sawan Varalakshmi Puja Vidhi पंचांग के अनुसार इस बार वरलक्ष्मी की पूजा 20 अगस्त दिन शुक्रवार को है। वरलक्ष्मी की पूजा को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके व्रत के फल को अष्टलक्ष्मी की पूजा के समान माना जाता है।
Sawan Varalakshmi Puja Vidhi : पंचांग के अनुसार सावन मास समाप्त होने वाला है। सावन मास में हिंदू धर्म के कई प्रमुख पर्व मनाएं जाते हैं। इन्हीं में से एक वरलक्ष्मी पूजा है। जिसे सावन मास के आखिरी शुक्रवार को रखा जाता है। पंचांग के अनुसार इस बार वरलक्ष्मी की पूजा 20 अगस्त दिन शुक्रवार को है। वरलक्ष्मी की पूजा को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके व्रत के फल को अष्टलक्ष्मी की पूजा के समान माना जाता है। वरलक्ष्मी पूजा से घर में खुशहाली और परिवार में सुख, शांति और वैभव का आगमन होता है। आइये जानते की वरलक्ष्मी की पूजा विधि और सामग्री:
वरलक्ष्मी पूजा विधि
वरलक्ष्मी पूजा का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है इसके व्रत को पूरे विधि-विधान से किया जाता है। इस दिन महिलाओं और पुरुषों को प्रातः काल जगकर दैनिक कार्य खत्म करके स्नान कर लेना चाहिए। पूजास्थल पर गंगाजल छिड़ककर उस स्थान को पवित्र कर लेना चाहिए। उसके बाद श्रद्धा भाव से व्रत रखने का संकल्प करें। मां लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति को लाल कपड़े के ऊपर स्थापित कर लें। इसके बाद अक्षत के ऊपर कलश में जल भरकर रखने के बाद कलश के चारों तरफ से चंदन लगा लेना चाहिए। माता लक्ष्मी और गणेश को पूजा का समान अर्पित करें। पूजा के बाद वरलक्ष्मी व्रत कथा का पाठ करें। अंत में आरती करके सभी भक्तजनों के बीच प्रसाद का वितरण करना चाहिए।
वरलक्ष्मी पूजा सामग्री
वरलक्ष्मी की पूजा सामग्री में नारियल, लाल वस्त्र, चंदन, दूर्वा, दीप, धूपस माला, कुमकुम, कलश, अक्षत, फल, फूल, हल्दी, मौला, दर्पण, कंघा, आम के पत्ते, पान के पत्ते, दही, केले, पंचामृत, कपूर दूध और जल आदि से मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। वरलक्ष्मी पूजा में लगने सारी सामग्री दिपावली की लक्ष्मी की पूजा के सामान ही होते हैं।
डिसक्लेमर
'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'