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पापों से मुक्‍ति‍ द‍िलाता है इंदिरा एकादशी व्रत, ऐसे करें इसका पारण

इंदिरा एकादशी आश्विन मास के कृष्ण पक्ष श्राद्घों में पड़ती है। इस द‍िन व‍िध‍िव‍िधान से व्रत व पूजन ज‍ितना जरूरी है, उतना ही इसका पारण भी समय से करना चाह‍िए...

By shweta.mishraEdited By: Published: Sat, 16 Sep 2017 12:31 PM (IST)Updated: Sat, 16 Sep 2017 12:31 PM (IST)
पापों से मुक्‍ति‍ द‍िलाता है इंदिरा एकादशी व्रत, ऐसे करें इसका पारण
पापों से मुक्‍ति‍ द‍िलाता है इंदिरा एकादशी व्रत, ऐसे करें इसका पारण

द्वादशी तिथि में पारण 

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आज आश्विन मास के कृष्ण पक्ष श्राद्घों में इंद‍िरा एकादशी का व्रत है। इंदिरा एकादशी व्रत करने से पापों से मुक्‍त‍ि म‍िलती है। जीवन में खुश‍ियां आती हैं। इस द‍िन भगवान शाल‍िग्राम की व‍िध‍िव‍िधान से पूजा की जाती है। इसके अलावा पूरा द‍िन व्रत रखा जाता है। व्रत में फलाहार करते हैं। सभी व्रतों की तरह इंद‍िरा एकादशी व्रत का पारण भी व‍िध‍िवत और समय से क‍िया जाना फलदायी होता है। व्रत तोड़ने की प्रक्रिया को पारण कहते हैं। एकादशी का व्रत तोड़ने के लिए सही समय प्रातःकाल का होता है। इस व्रत का पारण एकादशी के अगले दिन सूर्योदय के बाद का होता है। 

इस तरह से तोड़ें व्रत

एकादशी व्रत का पारण दूसरे द‍िन द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करना अनि‍वार्य होता है। वहीं व्रत कर्ता को मध्याह्न के दौरान व्रत तोड़ने से बचना चाहिए। अगर क‍िसी कारण वश प्रातःकाल पारण नहीं हो सका तो फ‍िर मध्याह्न के बाद पारण करना चाहिए। एकादशी का व्रत द्वादशी के द‍िन अन्‍न से तोड़ना चाह‍िए। इस द‍िन सबसे पहले क‍िसी भी प्रकार का अन्‍न मुख में रहना चाह‍िए। उसके बाद जल ग्रहण करना चाह‍िए। हालांक‍ि इस पारण में ध्‍यान रखें क‍ि अन्‍न ज्‍यादा गर‍िष्‍ट न हो। वहीं व्रत पारण के समय दान व दक्षि‍णा देने से व‍िशेष लाभ मि‍लता है।


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