Kharmas 2023: वर्ष 2023 में कब से शुरू हो रहा है खरमास? यहां जानिए तिथि, उपाय और नियम
Kharmas 2023 ज्योतिष विद्वानों के अनुसार 15 मार्च से खरमास लगने वाला है। बता दें कि खरमास की अवधि में सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। इस दौरान व्यक्ति को कुछ उपाय और नियमों का पालन करना चाहिए।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Kharmas 2023 Date: ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि सूर्य देव सभी ग्रहों के राजा हैं और इनके द्वारा किए गए राशि परिवर्तन को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। बता दें कि जब सूर्य मीन या धनु राशि में गोचर करते हैं तो इस राशिपरिवर्तन के कारण खरमास शुरू हो जाता है। हिन्दू धर्म में खरमास को अशुभ समय के रूप में देखा जाता है, इसलिए इस अवधि में सभी प्रकार के मांगलिक कार्य जैसे- विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश इत्यादि मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है।
खरमास तिथि (Kharmas 2023 Start Date)
हिन्दू पंचांग के अनुसार 15 मार्च को सुबह 05 बजकर 17 मिनट पर सूर्य मीन राशि में गोचर करेंगे और 14 अप्रैल तक इसी राशि में विराजमान रहेंगे। ऐसे में इस अवधि को खरमास के रूप में जाना जाएगा। इस दौरान सभी राशि के जातकों को सावधान रहना चाहिए और ज्योतिष शास्त्र में बताए गए नियमों का पालन करना चाहिए। आइए जानते हैं खरमास के नियम और उपाय।
खरमास के नियम (Kharmas 2023 Niyam)
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खरमास के दौरान सूर्य जब मीन या धनु राशि में रहते हैं तो इसका अशुभ प्रभाव शुभ नक्षत्र, योग और शुभ कार्यों पर भी पड़ता है। इसलिए इस दौरान विवाह जैसे महत्वपूर्ण कार्य को नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से नवविवाहित जोड़े के जीवन में समस्याएं आ सकती हैं।
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इसके साथ खरमास की अवधि में नया मकान, गहने या गाड़ी जैसे चल-अचल सम्पत्ति की खरीदारी भी नहीं करनी चाहिए। इसके साथ इस दौरान नए व्यापार या नौकरी की शुरुआत भी नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने से भविष्य में परेशानियां आ सकती हैं और जातक को नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
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खरमास के दौरान विवाह जैसे मांगलिक कार्य के साथ-साथ अन्य सभी महत्वपूर्ण कार्य जैसे- गृह प्रवेश, उपनयन संस्कार, मुंडन और सगाई नहीं करनी चाहिए। खरमास खत्म होने के बाद इन्हें पुनः शुरू किया जा सकता है।
खरमास के उपाय (Kharmas 2023 Upay)
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खरमास में देवी-देवताओं की उपासना को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इन सभी में सूर्य देव की उपासना करने से साधक को भाग्य एवं ऐश्वर्य का आशीर्वाद मिलता है। इसलिए खरमास के दौरान सुबह के समय सूर्य देव को अर्घ्य जरूर दें। इससे पहले जल में थोड़ा कुमकुम, अक्षत और पीला पुष्प डाल लें।
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खरमास के दौरान भगवान विष्णु की आराधना करने से साधकों को विशेष लाभ मिलता है और उनकी सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। इसके साथ खरमास में तुलसी पूजन करने से भी व्यक्ति को धन-धान्य और आरोग्यता का आशीर्वाद मिलता है।
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