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    Kaal Bhairav Jayanti 2022: काल भैरव जयंती आज, जानें शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

    By Shantanoo MishraEdited By:
    Updated: Wed, 16 Nov 2022 07:43 AM (IST)

    Kaal Bhairav Jayanti 2022 धार्मिक शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव देव जी का अवतरण मार्गशीर्ष मास के अष्टमी तिथि के दिन हुआ था। इस दिन पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं कब है काल भैरव जयंती?

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    Kaal Bhairav Jayanti 2022: जानिए किस दिन की जाएगी भगवान काल भैरव की पूजा।

    नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क | Kaal Bhairav Jayanti 2022: हिंदू धर्म में काल भैरव जयंती का काफी महत्व है। इस दिन भगवान शिव के रौद्र स्वरूप भगवान काल भैरव की पूजा की जाती है। इस दिन कालाष्टमी का पर्व भी मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन काल भैरव जयंती का पर्व मनाया जाता है। जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा।

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    काल भैरव जयंती 2022 शुभ मुहूर्त (Kaal Bhairav Jayanti 2022 Shubh Muhurat)

    मार्गशीर्ष अष्टमी तिथि आरंभ: 16 नवंबर 2022, सुबह 05 बजकर 49 मिनट से

    अष्टमी तिथि समाप्त: 17 नवंबर 2022, सुबह 07 बजकर 57 मिनट तक

    उदया तिथि के अनुसार काल भैरव जयंती 2022: 16 नवंबर 2022

    काल भैरव जयंती 2022 पूजा विधि (Kaal Bhairav Jayanti 2022 Puja Vidhi)

    शास्त्रों में बताया गया है कि काल भैरव जयंती के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान-ध्यान करें और इसके बाद व्रत का संकल्प लें। भगवान काल भैरव की पूजा रात्रि के समय की जाती है। इसलिए इस दिन संध्या काल में पूजा से पहले मंदिर की साफ-सफाई करें और उनकी प्रतिमा के सामने चौमुखी दीप प्रज्वलित करें। इसके बाद उन्हें गंध, पुष्प, धूप, दीप अर्पित करें और इन सबके साथ इमरती, जलेबी, उड़द, पान, नारियल आदि का भी भोग चढाएं। फिर काल भैरव चालीसा का पाठ करें और अंत में आरती जरूर करें।

    काल भैरव जयंती पूजा महत्व (Kaal Bhairav Jayanti 2022 Importance)

    वेद-पुराणों में बताया गया है कि भगवान काल भैरव की पूजा से भक्तों को किसी भी प्रकार के भय से मुक्ति मिलती है। साथ ही जो लोग अच्छे कर्म करते हैं उनपर भगवान काल भैरव की असीम कृपा बनी रहती है। इसके साथ शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि अनैतिक कार्य करने वालों को भगवान काल भैरव के प्रकोप का सामना निश्चित रूप से करना पड़ता है। साथ ही उन्हें किसी भी लोक में शरण नहीं मिलती है।

    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।