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    विष्‍णु जी की पूजा में पढ़िए इस मंत्र को तो भक्‍त ध्रुव की तरह दूर होंगे संकट

    By Molly SethEdited By:
    Updated: Thu, 24 Jan 2019 07:00 AM (IST)

    बृहस्‍पतिवार को भगवान विष्‍णु की पूजा में उनके इस मंत्र का जाप करें। ये द्वादश अक्षर मन्त्र विष्‍णु भक्‍त ध्रुव ने पढ़ा तो उनके सब संकट दूर करने स्‍वयं गए थे भगवान।

    विष्‍णु जी की पूजा में पढ़िए इस मंत्र को तो भक्‍त ध्रुव की तरह दूर होंगे संकट

    ध्रुव ने जपा था ये मंत्र

    बृहस्‍पतिवार को भगवान विष्णु की पूजा से सभी भौतिक सुख प्राप्त होते हैं। विशेष रूप से नौकरी या व्यवसाय में पद और तरक्की के लिए इस दिन विष्णु जी की पूजा बहुत शुभ व प्रभावी मानी गई है। पौराणिक कथाओं की मानें तो भक्त ध्रुव ने अद्भुत विष्णु भक्ति से ही ऊंचा पद व यश पाया, जिसके लिए उन्‍होंने द्वादश यानी बारह अक्षर के मंत्र से भगवान का विष्णु स्मरण किया था। 

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    महामंत्र है ये 

    द्वादश अक्षर मन्त्र केवल मन्त्र नहीं भगवान् विष्णु का महामन्त्र है। ऐसा विश्‍वास किया जाता है कि इस महामन्त्र के प्रभाव से साधक मनवांछित फल की प्राप्ति कर सकता है। विशेष बात ये है कि इस महामन्त्र का जाप करने के लिए पौराणिक शास्त्रों व ग्रंथो में कोई विशेष निषेध या प्रतिबंध नहीं बताया गया है। स्त्री-पुरुष कहीं भी, कभी भी द्वादश अक्षर मन्त्र का जाप कर के विष्णु जी की कृपा व स्नेह प्राप्‍त कर सकता है।

    क्‍या है द्वादश अक्षर मन्त्र

    ऊं नमो भगवते वासुदेवाय, यही है वो द्वादश अक्षर मन्त्र जिसका सम्पूर्ण विधि विधान के साथ जाप किया जाये तो संसार की कोई भी उपलब्‍धि प्राप्‍त की जा सकती है। कहते हैं कि इस मंत्र के 12 लाख जप किये जाय तो संसार की समस्त सुख सुविधाओं के साथ शान्ति भी प्राप्त हो सकती है। यह मन्त्र परम कल्याणकारी सिद्ध होता है। यदि पूर्ण आस्था एवं अडिग भक्ति से इस मंत्र का जाप किया जाए तो भगवान विष्‍णु भक्त की पुकार अवश्य सुनते हैं और अभीष्ट वर दे कर कष्‍टों को दूर करते हैं।