Hariyali Teej 2023: हरियाली तीज पर्व आज, इस शुभ मुहूर्त में करें शिव-पार्वती की उपासना
Hariyali Teej 2023 आज हरियाली तीज पर्व मनाया जा रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करने से साधकों को विशेष लाभ प्राप्त होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज के दिन पूजा-पाठ और उपवास रखने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है और दाम्पत्य जीवन में सुख समृद्धि आती है।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Hariyali Teej 2023: हिंदू धर्म में हरियाली तीज पर्व का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार यह पर्व आज यानी श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन मनाया जा रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज के दिन शुभ मुहूर्त में भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करने से साधक को विशेष लाभ प्राप्त होता है।
हरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलाएं माता पार्वती की विधिवत उपासना करती हैं और सुखी दांपत्य जीवन के लिए निर्जला उपवास रखती हैं। बता दें की हरियाली तीज पर्व को श्रावण तीज या छोटी तीज के नाम से भी जाना जाता है। पंचांग में बताया गया है कि इस विशेष दिन पर तीन अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है, जिसमें पूजा-पाठ करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है।
हरियाली तीज 2023 शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, श्रावण शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 18 अगस्त रात्रि 08:01 से शुरू होगी और 19 अगस्त रात्रि 10:19 पर समाप्त हो जाएगी। ऐसे में हरियाली तीज पर्व 19 अगस्त 2023, शनिवार के दिन मनाया जाएगा। इस विशेष दिन पर उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का निर्माण हो रहा है। साथ ही तीन अत्यंत शुभ योग का भी निर्माण हो रहा है। इस विशेष दिन सिद्ध योग, साध्य योग और रवि योग का निर्माण होगा।
हरियाली तीज 2023 शुभ योग
पंचांग में बताया गया है की हरियाली तीज के दिन उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र 20 अगस्त रात्रि 1:45 तक रहेगा और सिद्ध योग 19 अगस्त रात्रि 09:19 तक रहेगा इसके बाद साध्य योग शुरू हो जाएगा। वहीं इस दिन रवि योग का भी निर्माण हो रहा है।
हरियाली तीज 2023 पूजा विधि
हरियाली तीज या श्रावण तीज के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और नए वस्त्र पहनें। साथ ही इस शुभ अवसर पर श्रृंगार अवश्य करें। इसके बाद व्रत का संकल्प लें और भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा करें। लेकिन इससे पहले भगवान गणेश की उपासना जरूर करें। गणेश जी की उपासना के बाद भगवान शिव और माता पार्वती की षडशोपचार पूजा करें और माता पार्वती की अंग पूजा करें। इसके बाद हरियाली तीज व्रत कथा का पाठ अवश्य करें और आरती के साथ पूजा संपन्न करें।
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