हनुमान जी के इस विशेष मंत्र का जाप करें, होगी सारी मनोकामनाएं पूरी
हिन्दू धर्म ग्रंथों में 33 करोड़ देवी, देवताओं को माना गया है। जिनमें शिव, राम, कृष्ण, दुर्गा, लक्ष्मी गणेश, पार्वती, हनुमान आदि प्रमुख हैं। इनमें हनुमान की एकमात्र ऐसे देवता हैं जिनकी पूजा करने से लगभग सभी देवी, देवताओं की पूजा का एक साथ फल मिल जाता है। हनुमान की
हिन्दू धर्म ग्रंथों में 33 करोड़ देवी, देवताओं को माना गया है। जिनमें शिव, राम, कृष्ण, दुर्गा, लक्ष्मी गणेश, पार्वती, हनुमान आदि प्रमुख हैं। इनमें हनुमान की एकमात्र ऐसे देवता हैं जिनकी पूजा करने से लगभग सभी देवी, देवताओं की पूजा का एक साथ फल मिल जाता है। हनुमान की साधना कलियुग में सबसे सरल और प्रभावी मानी जाती है। अंजनी पुत्र हनुमान को अमरत्व का वरदान मिला हुआ है। मान्यता है कि वे आज भी हमारे बीच हैं।
जीवन में शक्ति और शौर्य की प्राप्ति के लिए पवन पुत्र श्री हमुमान की उपासना सबसे कारगर मानी जाती है।श्री हमुमान जी का पूरा जीवन संकल्प, बल, ऊर्जा, बुद्धि, समर्पण, शौर्य, पराक्रम तथा जीवन में किसी भी कठिनाई से लड़ने की अद्भुत प्रेरणा देता है। हनुमान जी की विधिवत पूजा-अर्चना का महत्व इसलिए और है क्योंकि उनकी गिनती जाग्रत देवताओं में की जाती है।
संकटमोचन की सच्ची भक्ति करने पर जीवन में संपन्नता बनी रहती है। मान्यता है कि हनुमान जी के इस विशेष मंत्र का स्मरण करने से जीवन में सब कुछ मंगलकारी होता है। नीचें लिखें मंत्र का स्मरण रोज करें।
ॐ नमो हनुमते रुद्रावतारायविश्वरूपाय अमित विक्रमायप्रकटपराक्रमाय महाबलायसूर्य कोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा !!
इस विशेष मंत्र का स्मरण करते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरुरी है। नित्य स्नान के बाद श्री हनुमानजी की पंचोपचार पूजा करें। पंचोपचार का मतलब है सिंदूर, गंध, अक्षत, फूल, नैवेद्य के साथ श्री हनुमानजी का स्मरण करना. धुप और दीप तथा लाल आसन पर बैठकर हनुमान जी का विशेष मंत्र स्मरण करने के बाद अपनी मनोकामना और अपने वे दुख बोलें जिनका आप निवारण करना चाहते हैं। जल्द ही लाभ मिलेगा।

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