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    Hanuman Jayanti 2020: करें पंचमुखी हनुमान जी की आराधना, आपके जीवन में होंगे ये 5 बड़े बदलाव

    By Kartikey TiwariEdited By:
    Updated: Wed, 08 Apr 2020 09:30 AM (IST)

    Hanuman Jayanti 2020 आज हनुमान जयंती के दिन पंचमुखी हनुमान जी की पूजा करने से वि​शेष लाभ होता है। वे अपने भक्तों के जीवन की पांच समस्याओं का निराकरण कर देते हैं।

    Hanuman Jayanti 2020: करें पंचमुखी हनुमान जी की आराधना, आपके जीवन में होंगे ये 5 बड़े बदलाव

    Hanuman Jayanti 2020: आज देशभर में प्रभु श्रीराम के भक्त अतुलित बलशाली हनुमान जी की जयंती मनाई जा रही है। हनुमान जी का जन्म चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को हुई थी। आज हनुमान जयंती के दिन पंचमुखी हनुमान जी की पूजा करने से वि​शेष लाभ होता है। वे अपने भक्तों के जीवन की पांच समस्याओं का निराकरण कर देते हैं। हनुमान जी के पंचमुखी अवतार का एक विशेष प्रयोजन था। लंका के राजा रावण से युद्ध के समय प्रभु श्रीराम की मदद के लिए हनुमान जी ने पंचमुखी अवतार धारण किया था।

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    पंचमुखी हनुमान की विशेषता

    हनुमान जी के पंत्रमुखी अवतार में उनका पहला मुख वानर, दूसरा गरूड़, तीसरा वराह, चौथा अश्व और पांचवां नृसिंह का है। प्रत्येक मुख की अपनी विशेषता है। वानर मुख दुश्मनों का पतन करने के लिए, गरुड़ मुख सभी संकटों और परेशानियां को दूर करने के लिए, वराह मुख दीर्घायु, अपार शक्ति और प्रसिद्धि के लिए, नृसिंह मुख से तनाव एवं भय के नाश के लिए और अश्व मुख सभी के मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए है।

    पंचमुखी हनुमान की पूजा का महत्व

    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जयंती या मंगलवार के दिन पंचमुखी हनुमान जी की पूजा करने से भक्तों के जीवन की सभी समस्याओं का निराकरण हो जाता है। शत्रुओं का नाश होता है, लंबी उम्र मिलती है, शक्ति एवं प्रसिद्धि मिलती है, भय का नाश होता है तथा सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

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    हनुमान जी को क्यों लेना पड़ा पंचमुखी अवतार

    पौराणिक कथा के अनुसार, रावण के भ्राता अहिरावण ने दसानन की मदद के लिए अपनी माया से श्रीराम, लक्ष्मण और पूरी सेना को निद्रा में डाल दिया। फिर उन्हें अपने साथ पाताल लोक लेकर चला गया। तब महावीर हनुमान जी ने पंचमुखी अवतार लेकर अहिरावण का वध कर दिया। इस प्रकार श्रीराम, लक्ष्मण और उनकी पूरी सेना अहिरावण के बंधन से मुक्त हुई।

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    पंचमुखी हनुमान की पूजा विधि

    आज के दिन स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद पूजा स्थान पर दक्षिण की दिशा में मुख करके बैठ जाएं। उसके बाद पंचमुखी हनुमान जी की प्रतिमा या तस्वीर को एक चौकी पर स्थापित कर दें। अब उनका जल तथा पंचामृत से अभिषेक करें। अब लाल पुष्प या लाल गुलाब, सिंदूर, चमेली का तेल, अक्षत्, धूप, गंध, दीप आदि उनको अर्पित करें। इसके बाद चने और गुड़ का भोग लगाएं। हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, श्रीराम स्तुति का पाठ करें। पूजा में उनको लाल लंगोट जरूर चढ़ाएं। अंत में पंचमुखी हनुमान की आरती करें और प्रणाम कर अपनी मनोकामनाएं उनके समक्ष व्यक्त कर दें।