Guruwar Upay: गुरुवार के दिन करें इन 5 मंत्रों का जाप, भगवान विष्णु की कृपा से होंगी हर इच्छाएं पूरी
Guruwar Upay गुरुवार की दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ बृहस्पति देव की व्रत करने का विधान है। इसके साथ ही शास्त्रों में कुछ मंत्रों के बारे में बताया गया है जिन्हें गुरुवार के दिन जाप करने से सभी कष्ट दूर होंगे और मनोकामनाएं पूरी होंगी।

नई दिल्ली, Guruwar Upay: पंचांग के अनुसार, सप्ताह का हर एक दिन किसी न किसी देवी देवता से संबंधित होता है। इसी तरह गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और देवताओं के गुरु बृहस्पति से संबंधित है। इसी कारण इसे बृहस्पतिवार भी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ केले के पौधे की पूजा करने का विधान है। इस दिन भगवान विष्णु को गुड़ और चने का भोग लगाने के साथ व्रत अवश्य करना चाहिए। इसके अलावा सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए इन मंत्रों का जाप अवश्य करें। आइए जानते हैं गुरुवार को कौन से मंत्रों का जाप करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होगी।
भगवान विष्णु के इन मंत्रों का जाप करें
शास्त्रों के अनुसार, गुरुवार के दिन भगवान की पूजा करने के साथ इन मंत्रों का जाप करना चाहिए। इससे व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होने के साथ हर कष्ट से छुटकारा मिल जाता है।
1-धन प्राप्त करना चाहते हैं तो इस मंत्र का जाप करें
जीवश्चाङ्गिर-गोत्रतोत्तरमुखो दीर्घोत्तरा संस्थित: पीतोश्वत्थ-समिद्ध-सिन्धुजनिश्चापो थ मीनाधिप:। सूर्येन्दु-क्षितिज-प्रियो बुध-सितौ शत्रूसमाश्चापरे सप्ताङ्कद्विभव: शुभ: सुरुगुरु: कुर्यात् सदा मङ्गलम्।।
2- दन्ताभये चक्र दरो दधानं,
कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया
लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।
3- भगवान विष्णु को जल्द प्रसन्न करना चाहते हैं, तो इस मंत्र का पाठ करें।
शांताकारम भुजङ्गशयनम पद्मनाभं सुरेशम।
विश्वाधारं गगनसद्र्श्यं मेघवर्णम शुभांगम।
लक्ष्मी कान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्यान नग्म्य्म।
वन्दे विष्णुम भवभयहरं सर्व लोकेकनाथम।
ॐ नमोः नारायणाय नमः। ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय नमः।
4- ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।
5- भगवान विष्णु के इस बीज मंत्र का जाप करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूर्ण हो जाती है।
ॐ बृं बृहस्पतये नम:।
ॐ क्लीं बृहस्पतये नम:।
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:।
ॐ ऐं श्रीं बृहस्पतये नम:।
ॐ गुं गुरवे नम:।
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