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    Guru Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत के दिन संध्याकाल में करें इन मंत्रों का जप, करियर में मिलेगी सफलता

    Updated: Wed, 17 Jul 2024 03:11 PM (IST)

    धार्मिक मत है कि प्रदोष व्रत पर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से साधक की सभी मुरादें पूरी होती हैं। साथ ही सुख-समृद्धि में अपार वृद्धि होती है। अगर आप भोलेनाथ की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो ऐसे में प्रदोष व्रत के दिन संध्याकाल में महादेव पूजा के दौरान मंत्रों का जप करें। ऐसा करने से शिव जी प्रसन्न होते हैं।

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    Guru Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत पर करें महादेव की पूजा

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Guru Pradosh Vrat 2024: देवों के देव महादेव को त्रयोदशी तिथि समर्पित है। हर महीने में 2 बार त्रयोदशी तिथि पड़ती है। इस दिन प्रदोष व्रत किया जाता है। पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह का दूसरा प्रदोष व्रत 18 जुलाई 2024 को है। इस दिन गुरुवार होने की वजह से इसे गुरु प्रदोष व्रत के नाम जाना जाएगा। मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से भगवान शिव की उपासना करने से जातक को करियर में सफलता मिलती है।

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    गुरु प्रदोष व्रत 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Guru Pradosh Vrat 2024 Date and Shubh Muhurat)

    आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 18 जुलाई को संध्याकाल 08 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 19 जुलाई को संध्याकाल 07 बजकर 41 मिनट पर होगा। ऐसे में गुरु प्रदोष व्रत 18 जुलाई को किया जाएगा।

    प्रदोष व्रत के मंत्र (Pradosh Vrat Mantra)

    महामृत्युंजय मंत्र

    • ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

    शिव स्तुति मंत्र

    • द: स्वप्नदु: शकुन दुर्गतिदौर्मनस्य, दुर्भिक्षदुर्व्यसन दुस्सहदुर्यशांसि। उत्पाततापविषभीतिमसद्रहार्ति, व्याधीश्चनाशयतुमे जगतातमीशः।।

    श‍िव नामावली मंत्र

    • ।। श्री शिवाय नम:।।
    • ।। श्री शंकराय नम:।।
    • ।। श्री महेश्वराय नम:।।
    • ।। श्री सांबसदाशिवाय नम:।।
    • ।। श्री रुद्राय नम:।।
    • ।। ओम पार्वतीपतये नम:।।
    • ।। ओम नमो नीलकण्ठाय नम:।।

    शिव प्रार्थना मंत्र

    • करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं श्रावण वाणंजं वा मानसंवापराधं । विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो॥

    शिव गायत्री मंत्र

    • ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।

    शिव आरोग्य मंत्र

    माम् भयात् सवतो रक्ष श्रियम् सर्वदा। आरोग्य देही में देव देव, देव नमोस्तुते।।

    ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।