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    Ganga Saptami 2022: गंगा सप्तमी पर करें इन शुभ मंत्रों का जाप, हर पाप से मिलेगी मुक्ति

    By Shivani SinghEdited By:
    Updated: Sun, 08 May 2022 07:26 AM (IST)

    Ganga Saptami 2022 धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गंगा सप्तमी का दिन काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान के साथ कुछ मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है। माना जाता है कि गंगा मां के इन मंत्रों का जाप करना लाभकारी हैं

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    Ganga Saptami 2022: गंगा सप्तमी पर करें इन मंत्रों का जाप

    नई दिल्ली,Ganga Saptami 2022: वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी मनाई जाती है। माना जाता है कि इस दिन गंगा मां धरती पर अवतरित हुई थी। गंगा सप्तमी के दिन विधिवत तरीके से पूजा-अर्चना के साथ आरती करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी।इस दिन मां गंगा के कुछ मंत्रों का जाप करना भी लाभकारी साबित हो सकता है। जानिए गंगा सप्तमी के दिन किन मंत्रों का जाप करना होगा कल्याणकारी।

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    गंगा सप्तमी का शुभ मुहूर्त

    सप्तमी तिथि प्रारंभ-  7 मई दोपहर 02 बजकर 56 मिनट से शुरू

    सप्तमी तिथि समाप्त- 08 मई, रविवार को शाम 05 बजे तक

    पूजा का शुभ मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 5 मिनट से दोपहर 1 बजकर 41 मिनट तक

    रवि पुष्य योग-

    गंगा सप्तमी पर करें इन मंत्रों का जाप

    गंगा स्नान करने से पहले इस मंत्र का करना चाहिए। इस मंत्र के द्वारा गंगा के साथ सभी नदियों को बुलाया जाता है।

    गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती।

    नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु।।

    इसके बाद इस मंत्र का पाठ करें

    गंगां वारि मनोहारि मुरारिचरणच्युतं ।

    त्रिपुरारिशिरश्चारि पापहारि पुनातु मां ।।

    इस मंत्र का जाप करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। इसके साथ ही व्यक्ति विष्णु लोक को जाता है।

    गंगा गंगेति यो ब्रूयात, योजनानां शतैरपि। मुच्यते सर्वपापेभ्यो, विष्णुलोकं स गच्छति॥

    गंगा स्नान के बाद मां की पूजा जरूर करें। इसके अलावा आप इस मंत्र का नित्य जाप कर सकते हैं। इससे आप गंगा स्नान करने के बराबर ही फल मिलेगा।

    ॐ नमो गंगायै विश्वरुपिणी नारायणी नमो नम:।।

    गंगा आरती

    ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता।

    जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता,

    ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता।

    चंद्र सी ज्योति तुम्हारी, जल निर्मल आता।

    शरण पड़े जो तेरी, सो नर तर जाता।

    ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता।

    पुत्र सगर के तारे, सब जग को ज्ञाता।

    कृपा दृष्टि हो तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता।

    ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता।

    एक बार जो प्राणी, शरण तेरी आता।

    यम की त्रास मिटाकर, परमगति पाता।

    ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता।

    आरति मातु तुम्हारी, जो नर नित गाता।

    सेवक वही सहज में, मुक्ति को पाता।

    ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता।

    Pic Credit- Instagram/keeda_bollywood

    डिसक्लेमर

    'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'