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    Ganesh Utsav 2022: दूर्वा के बिना गणपति जी की पूजा है अधूरी, जानिए किस मंत्र के साथ कितनी गांठ चढ़ाना है शुभ

    Ganesh Utsav 2022 विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा करते समय दूर्वा चढ़ाना बेहद जरूरी माना जाता है। अगर आप भगवान गणेश की विधिवत पूजा कर रहे हैं तो दूर्वा चढ़ाते समय इन नियमों का जरूर पालन करें जिससे घर में सुख-शआंति समृद्धि के साथ गजानन की कृपा हमेशा बनी रहें।

    By Shivani SinghEdited By: Updated: Fri, 26 Aug 2022 11:27 AM (IST)
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    Ganesh Utsav 2022: दूर्वा के बिना गणपति जी की पूजा है अधूरी, जानिए कितनी गांठ चढ़ाना है शुभ

    नई दिल्ली, Ganesh Utsav 2022: हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक गणेश उत्सव का पर्व 31 अगस्त से शुरू होने वाला है। इस दिन घरों में विधिवत तरीके से भगवान गणेश की स्थापना की जाएगी और अगले 10 दिनों तक यानी 9 सितंबर तक भगवान गणेश की विधिवत पूजा अर्चना की जाएगी। मान्यता है कि घर में भगवान गणेश की स्थापना करने से रिद्धि-सिद्धी की प्राप्ति होती है। हिंदू धर्म के अनुसार, भगवान गणेश जितनी जल्दी रुष्ट हो जाते हैं उन्हें मनाना भी उतना ही आसान होता है। इसलिए गणपति जी की पूजा करते समय कुछ चीजों को जरूर शामिल करना चाहिए। इन्हीं चीजों में से एक है दूर्वा। जिसके बिना गणपति जी की पूजा अधूरी मानी जाती है। जानिए गणपति जी में कैसे और कितनी चढ़ाएं दूर्वा।

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    कितनी गांठ चढ़ाएं दूर्वा

    भगवान गणेश को दूर्वा जोड़े के रूप में अर्पित किया जाता है। ऐसे में एक गांठ 2 दूर्वा से मिलकर बनती है। इसलिए 22 दूर्वा को एक साथ जोड़कर 11 जोड़े तैयार कर लें। इसके बाद इन 11 गांठों को भगवान गणेश के चरणों में अर्पित करें। अगर 11 गांठ नहीं मिल रही है, तो गणपति जी को 3 या 5 गांठ वाली दूर्वा भी अर्पित की जा सकती है।

    इस मंत्र के साथ चढ़ाएं गणपति जी को दूर्वा

    भगवान गणेश को दूर्वा चढ़ाते समय इस मंत्र क जरूर जाप करें। ऐसा करने से सुख-समृद्धि आएगी और गणेश जी की कृपा हमेशा बनी रहेगी।

    • इदं दूर्वादलं ऊं गं गणपतये नमः
    • ओम् गं गणपतये नमः
    • ओम् एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्
    • ओम् श्रीं ह्रीं क्लें ग्लौम गं गणपतये वर वरद सर्वजन जनमय वाशमनये स्वाहा तत्पुरुषाय विद्महे वक्रतुंडाय धिमहि तन्नो दंति प्रचोदयत ओम शांति शांति शांतिः
    • ओम् वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा

    दूर्वा चढ़ाते समय इन बातों का रखें ध्यान

    • शास्त्रों के अनुसार, गणपति जी को दूर्वा हमेशा चरणों में चढ़ानी चाहिए।
    • मंदिर या फिर बगीचे में उगी हुई दूर्वा ही चढ़ाएं।
    • ऐसी जगह से दूर्वा बिल्कुल भी लेकर न आए जहां की जमीन गंदी या फिर गंदा पानी आता हो।
    • दूर्वा चढ़ाने से पहले उसे साफ पानी से जरूर धो लें।

    Pic Credit- Freepik

    डिसक्लेमर

    'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'