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    Ganesh Sthapana: घर में गणेश स्थापना करते समय इन बातों का जरूर रखें ध्यान

    By Shilpa SrivastavaEdited By:
    Updated: Sat, 22 Aug 2020 11:06 AM (IST)

    Ganesh Sthapana भगवान श्रीगणेश की मूर्ति स्थापना के समय कुछ ऐसी बातें हैं जिनका ध्यान रखना बेहद जरूरी है। गणेश जी की मूर्ति स्थापित करते समय यह ध्यान जरूर दें

    Ganesh Sthapana: घर में गणेश स्थापना करते समय इन बातों का जरूर रखें ध्यान

    Ganesh Sthapana: भगवान श्रीगणेश की मूर्ति स्थापना के समय कुछ ऐसी बातें हैं जिनका ध्यान रखना बेहद जरूरी है। गणेश जी की मूर्ति स्थापित करते समय यह ध्यान जरूर दें कि उनके एक हाथ में अंकुश, मोदक और उनका टूटा हुआ दांत जरूर हो। उनका एक हाथ आशीर्वाद देते हुए होना चाहिए। वही अपनी सवारी यानी मूषक के साथ हों। मूर्ति का मुख दरवाजे की तरफ नहीं होना चाहिए क्योंकि श्रीगणेश के मुख की तरफ समृद्धि, सिद्धि, सुख और सौभाग्य होता है। ज्योतिषाचार्य पं. दयानंद शास्त्री ने बताया कि जिन गणपति जी की सूंड दायीं तरफ होती है वह कुछ देर से प्रसन्न होते हैं। वहीं, जिनकी सूंड बाईं तरफ होती है वो जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं।

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    इस दिशा में करें गणपति बप्पा की स्थापना: इस बात पर हमेशा ध्यान देना चाहिए कि गणपति बप्पा की स्थापना हमेशा पूर्व दिशा और उत्तर पूर्व दिशा में ही करें। यह शुभ माना जाता है। भगवान गणेश की स्थापना कभी-भी गलती से भी क्षिण और दक्षिण पश्चिम में नहीं करनी चाहिए। वही, इस बात का भी ध्यान देना चाहिए कि उनकी पीठ किसी भी कमरे की तरफ न हो। कभी भी सीढ़ियों के नीचे भगवान की मूर्ति स्‍थापित न करें। वास्‍तु के अनुसार, अगर ऐसा किया जाता है तो घर में दुर्भाग्य आता है। अगर बच्चों के अध्ययन कक्ष में भगवान श्रीगणेश की मूर्ति स्थापित की जाए तो यह श्रेष्ठ होता है। गणेश चतुर्थी पर पूजा के दौरान तुलसी अर्पित करना वर्जित होता है।

    घर में भगवान श्रीगणेश की बैठी हुई प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए। जबकि कार्यस्थल पर अन्य मुद्राओं वाली मूर्ति रखी जा सकती है। यह भी ध्यान देना होगा कि गणेश जी के दोनों पैर जमीन को छू रहे हों। कभी भी घर या ऑफिस में गणेश जी की दो मूर्ति साथ नहीं रखनी चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार, ऐसा करने से ऊर्जा का आपस में टकराव होता है। इससे व्यक्ति को धन की हानि होती है। साथ ही गणेश जी के सामने स्थापना से विसर्जन वाले दिन तक अखंड ज्योति जलानी शुभ होती है।