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    Ganesh Chaturthi 2020: जानें गणेश मूर्ति स्थापना समय, मुहूर्त और पूजा विधि

    By Shilpa SrivastavaEdited By:
    Updated: Thu, 20 Aug 2020 07:13 AM (IST)

    Ganesh Chaturthi 2020 माना जाता है कि श्रद्धा एवं विश्वास के साथ अगर कोई व्यक्ति गणेश जी की अराधना और पूजन करता है तो उसकी मनोकामना पूर्ण होती है।

    Ganesh Chaturthi 2020: जानें गणेश मूर्ति स्थापना समय, मुहूर्त और पूजा विधि

    Ganesh Chaturthi 2020: श्री गणेश विघ्नहर्ता हैं। गणेश अपने भक्तों के संकट हर लेते हैं। माना जाता है कि श्रद्धा एवं विश्वास के साथ अगर कोई व्यक्ति गणेश जी की अराधना और पूजन करता है तो उसकी मनोकामना पूर्ण होती है। गणेश चतुर्थी हर वर्ष भाद्रपद मास को शुक्ल चतुर्थी को मनाई जाती है। मान्यता है कि चतुर्थी तिथि को ही विघ्नों का नाश करने वाले और ऋद्धि-सिद्धि के दाता श्री गणपति भगवान की उत्पत्ति हुई थी। आइए जानते हैं गणेश चतुर्थी का मुहूर्त और कैसे करें पूजन।

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    गणेश चतुर्थी का मुहूर्त:

    भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी ति​थि की शुरुआत 21 अगस्त दिन शुक्रवार को रात 11 बजकर 02 मिनट से हो रही है। यह तिथि 22 अगस्त दिन शनिवार को शाम 07 बजकर 57 मिनट तक रहेगी। गणेश चतुर्थी पर गणेश चतुर्थी की पूजा दोपहर के मुहू्र्त में ही पूजा की जाती है क्योंकि गणेश जी का जन्म दोपहर में हुआ था। ऐसे में 22 अगस्त के दिन गणपति जी की पूजा के लिए दोपहर में 02 घंटे 36 मिनट का समय है। दिन में 11 बजकर 06 मिनट से दोपहर 01 बजकर 42 मिनट के मध्य गणपति जी की पूजा कर लें।

    इस तरह करें गणेश चतुर्थी की पूजा:

    • इस दिन सुबह नित्यकर्मों से निर्वत्त हो जाएं।
    • गणेश चतुर्थी की पूजा दोपहर में की जाती है तो सुबह में पूजा की सारी तैयारी कर लें।
    • एक शुद्ध आसान लें और उस पर बैठ जाएं।
    • सभी पूजन सामग्री इक्ट्ठा करें। इसमें पुष्प, धूप, दीप, कपूर, रोली, मौली लाल, चंदन, मोदक आदि शामिल होते हैं।
    • गणेश जी को दुर्वा अवश्य चढ़ाई जाती है ऐसे में इसे बिल्कुल न भूलें।
    • श्रीगणेश को मोदक भी बेहद प्रिय हैं। ऐसे में इन्हें मोदक प्रसाद के रूप में चढ़ाना न भूलें।
    • फिर 108 बार ॐ श्री गं गणपतये नम: का जाप करें।
    • शिव जी, गौरी, नन्दी, कार्तिकेय की भी पूजा-अर्चना करें।
    • शास्त्रों के अनुसार, श्रीगणेश की प्रतिमा की 1, 2, 3, 5, 7, 10 आदि दिनों तक पूजा करने के बाद उसका विसर्जन करते हैं।