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    Gajanana Sankashti Chaturthi 2024: गणपति बप्पा की इस आरती से हर क्षेत्र में मिलेगी कामयाबी, पूजा होगी सफल

    हर महीने में चतुर्थी व्रत दो बार किया जाता है। एक कृष्ण और दूसरा शुक्ल पक्ष में। सावन माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली चतुर्थी को गजानन संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मत है कि इस दिन भगवान शिव के पुत्र गणपति बप्पा को पूजा के दौरान मोदक समेत फल का भोग लगाने से सभी संकट से मुक्ति मिलती है।

    By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Wed, 24 Jul 2024 06:30 AM (IST)
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    Gajanana Sankashti Chaturthi 2024: चतुर्थी तिथि गणपति बप्पा को है समर्पित

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Lord Ganesh Aarti Lyrics: पंचांग के अनुसार, गजानन संकष्टी चतुर्थी का पर्व आज यानी 24 जुलाई को मनाया जा रहा है। सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गजानन संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान गणेश जी की आरती करने से जातक के जीवन में खुशियों का आगमन होता है और हर क्षेत्र में सफलता हासिल होती है।

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    श्री गणेश जी की आरती (Bhagwan Ganesh Ki Aarti)

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

    एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।

    माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

    माता जाकी पार्वती (माता पार्वती के मंत्र), पिता महादेवा ॥

    पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।

    लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

    अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।

    बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

    ‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

    दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।

    कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।