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    Nirjala Ekadashi Vrat 2022: निर्जला एकादशी व्रत के दौरान न करें ये गलतियां, नहं मिलेगा पूजा का पूर्ण फल

    By Pradeep ChauhanEdited By:
    Updated: Wed, 08 Jun 2022 11:52 AM (IST)

    Nirjala Ekadashi Vrat 2022 यह व्रत सभी एकादशी व्रतों का फल प्रदान करने वाला है इसलिए आपको मानसिक तौर पर स्वयं को मजबूत रखना होगा। इस समय गर्मी ​अधिक है जिसकी वजह से प्यास लगना स्वाभाविक है। ऐसे में निर्जला एकादशी व्रत रखना बहुत कठिन है।

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    Nirjala Ekadashi Vrat 2022: निर्जला एकादशी व्रत को करने के लिए आत्म संयम और ब्रह्मचर्य का पालन करना होगा।

    नई दिल्ली। Nirjala Ekadashi Vrat 2022: सालभर में 24 एकादशी तिथि होती है। इनमें से सभी एकादशी को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी व्रत रखा जाता है।

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    सभी एकादशी में से निर्जला एकादशी व्रत सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि निर्जला एकादशी व्रत करने से सभी एकादशी व्रतों का पुण्य प्राप्त होता है। पौराणिक कथा के अनुसार इस व्रत को महाबली भीम ने भी किया था, इस वजह से इसे भीमसेनी एकादशी या पांडव एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।

    इस साल ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी तिथि की शुरूआत 10 जून शुक्रवार को प्रात: 07 बजकर 25 मिनट से होगी और इसका समापन 11 जून शनिवार को प्रात: 05 बजकर 45​ मिनट पर होगा। आइए जानते हैं कि सबसे कठिन निर्जला एकादशी व्रत में क्या करें और क्या न करें।

    निर्जला एकादशी 2022 क्या करें

    1-व्रत के एक दिन पूर्व से मांस, ​मदिरा, तामसिक भोज्य पदार्थों का सेवन बंद कर दें. दशमी के दिन सात्विक भोजन करना चाहिए।

    2- दशमी के दिन तरल पदार्थ, पानी वाले फल और पानी का सेवन अधिक करें क्योंकि एकादशी को आपको बिना जल के व्रत रखना है, तभी तो इसका नाम निर्जला एकादशी व्रत रखा गया है।

    3- यह व्रत सभी एकादशी व्रतों का फल प्रदान करने वाला है, इसलिए आपको मानसिक तौर पर स्वयं को मजबूत रखना होगा। इस समय गर्मी ​अधिक है, जिसकी वजह से प्यास लगना स्वाभाविक है। ऐसे में निर्जला एकादशी व्रत रखना बहुत कठिन है। यह मानसिक मजबूती और दृढ़ प्रतिज्ञा से ही संभव है।

    4-निर्जला एकादशी व्रत को करने के लिए आत्म संयम और ब्रह्मचर्य का पालन करना होगा।

    5- व्रत वाले दिन जल से भरा हुआ कलश दान करें. प्यासे लोगों को पानी पिलाएं। वैसे भी ज्येष्ठ माह में जल दान करने से महापुण्य प्राप्त होता है।

    6-यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो निर्जला एकादशी व्रत न करें क्योंकि यह बहुत ही कठिन व्रत है।

    7-अपने घर की छत या खुले में किसी पेड़ के नीचे पशु-पक्षियों के लिए पानी और दाना की व्यवस्था करें।

    डिसक्लेमर

    'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।