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    Ekadashi Mantra: प्रत्येक एकादशी पर करें भगवान श्री हरि के इन प्रभावशाली मंत्रों का जाप

    By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo Mishra
    Updated: Fri, 08 Sep 2023 02:03 PM (IST)

    Ekadashi Mantra हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी व्रत रखने से भक्तों को सभी पापों से मुक्ति प्राप्त हो जाती है। साथ ही उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। बता दें की एकादशी व्रत के दिन कुछ विशेष मित्रों का जाप करने से साधक को अक्षय पुण्य के समान आशीर्वाद प्राप्त होता है। आइए पढ़ते हैं एकादशी व्रत के प्रभावशाली मंत्र।

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    Ekadashi Mantra एकादशी पर करें भगवान विष्णु के इन प्रभावशाली मंत्रों का जाप।

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Ekadashi Mantra Lyrics in Hindi: हिंदू धर्म में भगवान विष्णु की आराधना का विशेष महत्व है। प्रत्येक माह भगवान विष्णु की विशेष उपासना के लिए एकादशी व्रत रखा जाता है। हर साल 24 एकादशी व्रत रखे जाते हैं। इस दिन श्री हरि की उपासना करने से और पूजा-पाठ, दान इत्यादि कर्म करने से व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में आ रही कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती हैं। शास्त्रों में भगवान विष्णु को समर्पित कुछ विशेष मित्रों का उल्लेख किया गया है, जिनका जाप एकादशी तिथि के दिन करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और साधक की सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं। आइए पढ़ते हैं एकादशी व्रत के प्रभावशाली मंत्र।

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    एकादशी व्रत के प्रभावशाली मंत्र

    1. श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे।

    हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।

    2. ॐ नारायणाय विद्महे।

    वासुदेवाय धीमहि ।

    तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।

    3. ॐ विष्णवे नम:

    धन-समृद्धि मंत्र

    ॐ भूरिदा भूरि देहिनो , मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि ।

    ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि ।

    लक्ष्मी विनायक मंत्र

    दन्ता भये चक्र दरो दधानं,

    कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।

    धृता ब्जया लिंगितमब्धि पुत्रया,

    लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।

    विष्णु के पंचरूप मंत्र

    • ॐ अं वासुदेवाय नम:।।
    • ॐ आं संकर्षणाय नम:।।
    • ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:।।
    • ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:।।
    • ॐ नारायणाय नम:।।
    • ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।

    डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।