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    Dussehra 2022 Date And Time: दशहरा कब? जानिए विजयदशमी का शुभ मुहूर्त और मनाने का कारण

    By Shivani SinghEdited By:
    Updated: Tue, 13 Sep 2022 02:38 PM (IST)

    Dussehra 2022 दशहरा आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। इस साल बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा 5 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस साल काफी शुभ योगों के साथ विजयदशमी का पर्व मनाया जाएगा।

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    Dussehra 2022 Date And Time: दशहरा कब? जानिए विजयदशमी का शुभ मुहूर्त और मनाने का कारण

    नई दिल्ली, Dussehra 2022 Date And Time: बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा देश में कोने-कोने में मनाया जाता है। इस दिन कुंभकरण, रावण और मेघनाथ के पुतले दहन किए जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध कर विजय प्राप्त की थी। वहीं मां दुर्गा से राक्षस महिषासुर का वध किया जाता है। इसी कारण इसे विजयदशमी भी कहा जाता है। हर साल शारदीय नवरात्रि के समापन के साथ ही दशहरा का पर्व मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा का पर्व हर साल मनाया जाता है। जानिए दशहरा की तिथि और महत्व।

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    कब है दशहरा 2022?

    आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन दशहरा का पर्व मनाया जाता है। दशमी तिथि 4 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 20 मिनट से शुरू होकर 5 अक्टूबर दोपहर 12 बजे तक रहेगी। इसलिए उदया तिथि होने के कारण 5 अक्टूबर को दशहरा का पर्व मनाया जाएगा।

    दशहरा 2022 का शुभ मुहूर्त

    विजयदशमी (दशहरा)- 5 अक्टूबर 2022, बुधवार

    श्रवण नक्षत्र प्रारम्भ - 4 अक्टूबर 2022 को रात 10 बजकर 51 मिनट तक

    श्रवण नक्षत्र समाप्त - 5 अक्टूबर 2022 को रात 09 बजकर 15 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - 5 अक्टूबर दोपहर 02 बजकर 13 मिनट से लेकर 2 बजकर 54 मिनट तक

    अमृत काल- 5 अक्टूबर सुबह 11 बजकर 33 से लेकर दोपहर 1 बजकर 2 मिनट तक

    दुर्मुहूर्त- 5 अक्टूबर सुबह 11 बजकर 51 मिनट से लेकर 12 बजकर 38 मिनट तक।

    दशहरा मनाने का कारण

    पौराणिक कथाओं के अनुसार दशहरा मनाने के पीछे दो कथाएं सबसे ज्यादा प्रचलित है। पहली कथा के अनुसार, आश्विन शुक्ल दशमी को भगवान श्री राम ने रावण का वध करके लंका में विजय प्राप्त की। इसी कारण इस दिन को विजयादशमी या दशहरा के रूप में मनाया जाता है। वहीं दूसरी कथा के अनुसार, मां दुर्गा ने महिषासुर के साथ 10 दिनों तक भीषण संग्राम किया और आश्विन शुक्ल दशमी को उसका वध कर दिया। इसी कारण इस दिन को विजयादशमी के रूप में मनाया जाने लगा। ये दोनों की घटनाएं बुराई में अच्छाई के जीत के रूप में दिखाती है।

    Pic Credit- Freepik

    डिस्क्लेमर

    ''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।''