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    Durga Visarjan Date And Time: आज किस समय होगी मां दुर्गा की विदाई? जानें विसर्जन का मुहूर्त

    By Shilpa SrivastavaEdited By:
    Updated: Mon, 26 Oct 2020 07:24 AM (IST)

    Durga Visarjan शारदीय नवरात्रि आज अपने अंतिम पड़ाव पर है। आज मां दुर्गा की मूर्तियों के विसर्जन के साथ ही दुर्गा पूजा का समापन हो जाएगा। मां दुर्गा को फिर अगले वर्ष आने का निमंत्रण दिया जाएगा। आइए जानते हैं कि दुर्गा विसर्जन का मुहूर्त क्या है?

    Durga Visarjan Date And Time: आज किस समय होगी मां दुर्गा की विदाई?

    Durga Visarjan 2020: शारदीय नवरात्रि आज अपने अंतिम पड़ाव पर है। आज मां दुर्गा की मूर्तियों के विसर्जन के साथ ही दुर्गा पूजा का समापन हो जाएगा। मां दुर्गा को फिर अगले वर्ष आने का निमंत्रण दिया जाएगा।दुर्गा पूजा की शुरुआत षष्ठी तिथि से होती है। इस उत्सव का समापन दुर्गा विर्सजन के साथ होता है। इसका मुहूर्त प्रात:काल या अपराह्न काल में विजयादशमी तिथि लगने से शुरू हो जाता है। कहा जाता है कि प्रात: काल या अपराह्न काल में दुर्गा मूर्ति का विसर्जन तब किया जाता है जब विजयादशमी तिथि व्याप्त हो। ऐसा कई वर्षों से होता चला आया है कि दुर्गा विसर्जन प्रात:काल मुहूर्त में किया जाता है। वहीं, अगर श्रवण नक्षत्र और दशमी तिथि अपराह्न काल में एक साथ व्याप्त हो तो इस समय अगर दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन किया जाए तो यह श्रेष्ठ होता है।

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    इस दिन दो कथाएं प्रचलित हैं। पहली कथा के अनुसार, इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने रावण का वध किया था। दूसरी कथा के अनुसार, मां दुर्गा ने इस दिन दैत्य महिषासुर का वध किया था। आइए जानते हैं कब है दुर्गा विसर्जन। दुर्गा मूर्ति के विसर्जन के बाद ही विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है। मां दुर्गा के भक्त मां की मूर्ति के विसर्जन के बाद ही व्रत का पारण करते हैं। आइए जानते हैं दुर्गा विसर्जन का मुहूर्त और समय।

    कब है दुर्गा विसर्जन:

    इस वर्ष दुर्गा विसर्जन 26 अक्टूबर को होगा। दुर्गा विसर्जन का मुहूर्त सुबह 06 बजकर 29 मिनट से शुरु होगा। इसका समापन सुबह 8 बजकर 43 मिनट तक होगा। यह अवधि 2 घंटे 14 मिनट का होगा। दशमी तिथि की शुरुआत 25 अक्टूबर सुबह 07 बजकर 41 मिनट से होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 26 अक्टूबर सुबह 9 बजे होगा। श्रवण नक्षत्र का आरंभ 24 अक्टूबर रात 1 बजकर 28 मिनट से होगी। इसका समापन 25 अक्टूबर सुबह 02 बजकर 38 मिनट पर होगा। आइए जानते हैं सिंदूर खेला के बारे में।

    सिंदूर खेला:

    दुर्गा पूजा के आखिरी दिन सिंदूर खेला उत्सव होता है। यह परंपरा पश्चिम बंगाल में मनाई जाती है। दुर्गा विसर्जन से पहले यह उत्सव मनाया जाता है। विजयदशमी के दिन सिंदूर खेला की रस्म निभाई जाती है। इस दिन विवाहित महिलाएं एक-दूसरे को सिंदूर लगाती हैं। साथ ही शुभकामनाएं भी देती हैं।

    डिसक्लेमर

    'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '