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    Kaal Sarp Dosh: क्या आप भी कालसर्प दोष से हैं परेशान, तो निजात पाने के लिए करें ये उपाय

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Sat, 22 Apr 2023 11:41 AM (IST)

    Kaal Sarp Dosh ज्योतिषियों की मानें तो कुंडली के 12 भावों में किसी भी दो भाव में जब राहु-केतु के मध्य सभी शुभ और अशुभ ग्रह उपस्थित हो जाते हैं तो कालसर्प दोष लगते हैं। कालसर्प दोष कई प्रकार के होते हैं।

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    Kaal Sarp Dosh: क्या आप भी कालसर्प दोष से हैं परेशान, तो निजात पाने के लिए करें ये उपाय

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क |Kaal Sarp Dosh: कालसर्प दोष लगने से व्यक्ति के जीवन में अस्थिरता आ जाती है। वह हर समय किसी न किसी मुसीबत से घिरा रहता है। वह लाख चाहकर भी अपने जीवन में सफल नहीं हो पाता है। ऐसा राहु-केतु के चलते होता है। ज्योतिषियों की मानें तो कुंडली के 12 भावों में किसी भी दो भाव में जब राहु-केतु के मध्य सभी शुभ और अशुभ ग्रह उपस्थित हो जाते हैं, तो कालसर्प दोष लगता है। कालसर्प दोष कई प्रकार के होते हैं। कालसर्प दोष लगने से विवाह में बाधा आती है। शुभ काम में दिक्कत आती है। हर समय मानसिक तनाव रहता है। साथ ही कई अन्य परेशानियां होती हैं। अगर आप भी कालसर्प दोष से पीड़ित हैं, तो ये उपाय कर सकते हैं। इन उपायों को करने से महज 7 दिनों में कालसर्प दोष का प्रभाव कम हो जाता है। आइए जानते हैं-

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    -सोमवार का दिन देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। इस दिन स्नान-ध्यान करने के पश्चात सफेद वस्त्र धारण करें। जल में गंगाजल, काले तिल और बिल्व पत्र मिलाकर शिवजी को अर्घ्य दें। इसके पश्चात 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। इस उपाय को लगातार 7 दिनों तक करना है। इससे कालसर्प दोष का प्रभाव कम हो जाता है।

    -ज्योतिषियों की मानें तो राहु काल के समय में मां भगवती का ध्यान कर एक माला 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जप करें। इस उपाय को भी 7 दिनों तक करना है। इससे भी कालसर्प दोष का प्रभाव क्षीण हो जाता है।

    -अगर आप राहु-केतु की बाधा से तत्काल मुक्ति पाना चाहते हैं, तो चन्दन की माला से शिव मंदिर में  'ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:' का जप करें। इस उपाय को करने से कालसर्प दोष की बाधा समाप्त होती है।

    -शतभिषा और स्वाति नक्षत्र में एक जटा वाला नारियल अपने ऊपर 7 बार उसार कर नारियल को बहते हुए जलधारा में प्रवाहित कर दें। इससे कालसर्प दोष की बाधा समाप्त हो जाती है।

    -भगवान शिव और विष्णु जी की पूजा करने से राहु-केतु का प्रभाव कम होता है। इसके लिए सोमवार और शनिवार को जल में काले तिल मिलाकर शिवलिंग पर अर्घ्य दें।

     डिस्क्लेमर-''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।''

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