Masik Shivratri 2024: शीघ्र विवाह के लिए मासिक शिवरात्रि पर करें ये 4 उपाय, मिलेगा मनचाहा जीवनसाथी
धार्मिक मत है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से विवाहित महिलाओं को अखंड सुहाग का वरदान प्राप्त होता है। वहीं अविवाहित जातकों की शीघ्र शादी हो जाती है। इस शुभ अवसर पर बड़ी संख्या में साधक विधि विधान से भगवान शिव एवं मां पार्वती की पूजा करते हैं। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो मासिक शिवरात्रि पर भद्रावास योग का संयोग बन रहा है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Masik Shivratri 2024: हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा-उपासना की जाती है। साथ ही मासिक शिवरात्रि का व्रत भी रखा जाता है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव एवं मां पार्वती परिणय सूत्र में बंधे थे। इस शुभ अवसर पर शिवरात्रि मनाई जाती है। वहीं, हर माह कृष्ण पक्ष में मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। ज्योतिष शास्त्र में मासिक शिवरात्रि पर विशेष उपाय करने का भी विधान है। इन उपायों को करने से व्रती को मनचाहा वर प्राप्त होता है। अगर आपकी शादी में भी बाधा आ रही है, तो मासिक शिवरात्रि के दिन पूजा के समय ये उपाय अवश्य करें। इन उपायों को करने से शीघ्र विवाह के योग बनते हैं। आइए जानते हैं-
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मासिक शिवरात्रि के उपाय
- अगर आपकी कुंडली में शुक्र कमजोर है, तो मासिक शिवरात्रि के दिन स्नान-ध्यान के बाद श्वेत वस्त्र धारण करें। इसके बाद पंचामृत से भगवान शिव का अभिषेक करें। इस समय निम्न मंत्र 'ॐ सृष्टिकर्ता मम विवाह कुरु कुरु स्वाहा' का जप करें। इस मंत्र के जप से अविवाहित जातकों की शीघ्र शादी के योग बनते हैं।
- अविवाहित लड़कियां शीघ्र विवाह के लिए मासिक शिवरात्रि के दिन स्नान-ध्यान के बाद लाल रंग के कपड़े पहनें। इसके बाद कच्चे दूध से भगवान शिव का अभिषेक करें। साथ ही जगत जननी मां पार्वती को सिंदूर अर्पित करें। सिंदूर अर्पित करते समय निम्न मंत्र का जप करें। इस उपाय को करने से कुंडली में अशुभ ग्रहों का प्रभाव समाप्त हो जाता है।
- ॐ कात्यायनी महामाये महायोगिन्यधीश्वरि।
नंदगोपसुतम् देवि पतिम् मे कुरुते नम:॥
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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