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Diwali 2023: नवंबर के महीने में इस दिन मनाई जाएगी दिवाली, जानें, तिथि, मुहूर्त एवं मंत्र

Diwali 2023 हिंदी पंचांग के अनुसार साल 2023 में कार्तिक माह की अमावस्या 12 नवंबर को है। इस दिन दोपहर 2 बजकर 44 मिनट से अमावस्या शुरू होकर अगले दिन 13 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट तक है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarPublished: Thu, 23 Mar 2023 02:56 PM (IST)Updated: Thu, 23 Mar 2023 03:08 PM (IST)
Diwali 2023: नवंबर के महीने में इस दिन मनाई जाएगी दिवाली, जानें, तिथि, मुहूर्त एवं मंत्र
Diwali 2023: नवंबर के महीने में इस दिन मनाई जाएगी दिवाली, जानें, तिथि, मुहूर्त एवं मंत्र

नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क | Diwali 2023: हिंदी पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की अमावस्या को दिवाली मनाई जाती है। इस प्रकार साल 2023 में 12 नवंबर को दिवाली है। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा उपासना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि मर्यादा पुरषोत्तम राम 14 वर्षों का वनवास कर अयोध्या लौटे, तो अयोध्या वासी ने दीप जलाकर मर्यादा पुरषोत्तम भगवान श्रीराम संग मां जानकी और लक्ष्मण जी का स्वागत किया था। उस समय से दिवाली मनाई जाती है। वर्तमान समय में दिवाली दुनियाभर में मनाई जाती है। आइए, दिवाली की तिथि, मुहूर्त एवं मंत्र जानते हैं-

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दिवाली की तिथि

हिंदी पंचांग के अनुसार, साल 2023 में कार्तिक माह की अमावस्या 12 नवंबर को है। इस दिन दोपहर 2 बजकर 44 मिनट से अमावस्या शुरू होकर अगले दिन 13 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट तक है। सनातन शास्त्र में उदयातिथि मान्य है। इसके लिए 13 नवंबर को दिवाली मनाई जानी चाहिए। हालांकि, दिवाली को रात के समय में धन की देवी की पूजा की जाती है। इसके लिए 12 नवंबर को भी दिवाली मनाई जा सकती है।

दिवाली 2023 शुभ मुहूर्त

पूजा शुभ मुहूर्त: संध्याकाल 5 बजकर 40 मिनट से शुरू होकर 7 बजकर 36 मिनट तक है। इस दौरान साधक पूजा उपासना कर सकते हैं।

प्रदोष काल : शाम 5 बजकर 29 मिनट से 8 बजे 7 मिनट तक है।

वृषभ काल : संध्याकाल 5 बजकर 40 मिनट से शुरू होकर शाम 7 बजकर 36 मिनट तक है।

महानिशीथ काल: देर रात 11 बजकर 39 मिनट से शुरू होकर देर रात 12 बजकर 31 मिनट तक है। इस दौरान भी मां की पूजा उपासना कर सकते हैं।

सिंह काल : देर रात 12 बजकर 12 मिनट से शुरू होकर 2 बजकर 30 मिनट तक है।

लक्ष्मी मंत्र

1.

'ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥'

2.

ऐं ह्रीं श्रीं ज्येष्ठा लक्ष्मी स्वयंभुवे ह्रीं ज्येष्ठायै नम: ॥'

3.

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्ये नम:॥

4.

ॐ सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो, धन धान्यः सुतान्वितः। मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः ॐ ।।

5.

ॐ श्री ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नमः।।

डिसक्लेमर-'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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