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    Diwali 2023: दिवाली पर करें इन चमत्कारी मंत्रों का जाप, आर्थिक तंगी से मिलेगी निजात

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Tue, 07 Nov 2023 12:26 PM (IST)

    धार्मिक मत है कि दिवाली तिथि पर धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की उपासना करने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। साथ ही घर में सुख समृद्धि और खुशहाली आती है। अगर आप भी मां लक्ष्मी की कृपा के भागी बनना चाहते हैं तो दिवाली तिथि पर विधि-विधान से भगवान गणेश और मां लक्ष्मी समेत कुबेर देव की पूजा करें।

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    Diwali 2023: दिवाली पर करें इन चमत्कारी मंत्रों का जाप, आर्थिक तंगी से मिलेगी निजात

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली | Diwali 2023: पंचांग के अनुसार, 12 नवंबर को प्रकाश का पर्व दिवाली है। यह पर्व हर वर्ष कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा-उपासना की जाती है। शास्त्रों में निहित है कि धन की देवी मां लक्ष्मी स्वभाव से बेहद चंचल हैं। एक स्थान पर ज्यादा देर तक नहीं ठहरती हैं। अतः मां लक्ष्मी की नियमित रूप से पूजा-अर्चना करनी चाहिए। साथ ही घर में सौहार्दपूर्ण माहौल बनाकर रखना चाहिए। परिवार में क्लेश होने पर मां लक्ष्मी घर से प्रस्थान कर जाती हैं। धार्मिक मत है कि दिवाली तिथि पर धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की उपासना करने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। साथ ही घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है। अगर आप भी मां लक्ष्मी की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो दिवाली तिथि पर विधि-विधान से भगवान गणेश और मां लक्ष्मी समेत कुबेर देव की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय इन चमत्कारी मंत्रों का जाप करें।

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    1. गणेश मंत्र

    श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा ॥

    2. ऋणहर्ता गणपति मंत्र

    “ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं चिरचिर गणपतिवर वर देयं मम वाँछितार्थ कुरु कुरु स्वाहा ।”

    3. गणेश गायत्री मंत्र

    ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

    ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

    ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

    4. विघ्न नाशक मंत्र

    गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः ।

    द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः ॥

    विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः ।

    द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्‌ ॥

    विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत्‌ क्वचित्‌ ।

    5. आर्थिक वृद्धि हेतु मंत्र

    ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।

    6. कुबेर गणेश मंत्र

    ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा।

    7. लक्ष्मी विनायक मंत्र

    ॐ श्रीं गं सौम्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा॥

    8. लक्ष्मी गणेश ध्यान मंत्र

    दन्ताभये चक्रवरौ दधानं, कराग्रगं स्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।

    धृताब्जयालिङ्गितमाब्धि पुत्र्या-लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे॥

    9. ऋणहर्ता गणपति मंत्र

    ॐ गणेश ऋणं छिन्धि वरेण्यं हुं नमः फट्॥

    10. कुबेर मंत्र

    ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये

    धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥

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    11. धन प्राप्ति हेतु कुबेर मंत्र

    ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः॥

    12. कुबेर अष्टलक्ष्मी धन प्राप्ति मंत्र

    ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥

    13. कुबेर मंत्र जाप

    ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये॥

    धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥

    डिस्क्लेमर-''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'