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    Diwali 2022 Muhurat Puja Vidhi LIVE: दिवाली आज, जानें गणेश-लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र

    By Shivani SinghEdited By:
    Updated: Mon, 24 Oct 2022 01:30 PM (IST)

    Diwali 2022 Muhurat Puja Vidhi And Mantra LIVE Updates दिवाली के दिन मां लक्ष्मी के साथ भगवान गणेष मां सरस्वती की विधिवत पूजा करने का विधान है। इस दिन शुभ मुहूर्त पर पूजा करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है। जानिए लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त पूजा विधि मंत्र।

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    Diwali 2022 Muhurat Puja Vidhi: दिवाली पर बना शुभ योग, जानें गणेश-लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र

     नई दिल्ली, Diwali 2022 Muhurat Puja Vidhi And Mantra: पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि को दिवाली का पर्व मनाया जाता है। रोशनी का ये पर्व आज बहुत ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। माना जाता है कि दिवाली के दिन भगवान राम ने लंकापति रावण का वध करके अयोध्या वापस लौटे थे। उन्हीं के वापस आने की खुशी में पूरी आयोध्या को दीपकों से सजाया गया था। इसी कारण इसी दिन दिवाली का पर्व मनाया जाता है। इसके साथ ही समुद्र मंथन के दौरान मां लक्ष्मी इसी दिन प्रकट हुई थी। इसी कारण आज के दिन मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करने का विधान है। दिवाली की शाम को पंचांग के अनुसार शुभ मुहूर्त में गणेश-लक्ष्मी पूजन करना शुभ माना जाता है। जानिए गणेश- लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र और आरती।

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    दिवाली 2022 तिथि और योग

    अमावस्या तिथि प्रारम्भ - 24 अक्टूबर 2022 को शाम 5 बजकर 27 मिनट से शुरू

    अमावस्या तिथि समाप्त - 25 अक्टूबर 2022 को शाम4 बजकर 18 मिनट तक।

    अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11:43 से दोपहर 12:28 मिनट तक

    दिवाली में गणेश- लक्ष्मी का शुभ मुहूर्त

    लक्ष्मी-गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त - 24 अक्टूबर शाम 06 बजकर 54 मिनट से 08 बजकर 16 मिनट तक

    लक्ष्मी पूजन की अवधि-1 घंटा 21 मिनट

    प्रदोष काल - शाम 05 बजकर 42 मिनट से रात 08 बजकर 16 मिनट तक

    वृषभ काल - शाम 06 बजकर 54 मिनट से रात 08 बजकर 50 मिनट तक

    दिवाली लक्ष्मी पूजा महानिशीथ काल मुहूर्त- रात 11 बजकर 40 मिनट से लेकर 12 बजकर 31 मिनट तक

    अवधि - 50 मिनट तक

    निशिता काल लक्ष्मी पूजा मुहूर्त- रात 11 बजकर 40 मिनट से 25 अक्टूबर सुबह 12 बजकर 31 मिनट तक

    दिवाली 2022 शुभ चौघड़िया मुहूर्त

    सायंकाल मुहूर्त्त (अमृत,चल): शाम 5 बजकर 29 मिट से 7 बजकर 18 मिनट तक

    रात्रि मुहूर्त्त (लाभ) : रात 10 बजकर 29 मिनट से 12 बजकर 4 मिनट तक

    रात्रि मुहूर्त्त (शुभ,अमृत,चल): रात 1 बजकर 41 मिनट से25 अक्टूबर सुबह 6 बजकर 27 मिनट तक

    गणेश-लक्ष्मी पूजन विधि

    • दिवाली के दिन सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान आदि कर लें। इसके बाद पूरे घर में गंगाजल छिड़क दें। इसके साथ ही रंगोली और मुख्य द्वार में तोरण लगा लें।
    • शाम के समय उत्तर-पश्चिम दिशा में एक चौकी रखें और उसमें सफेद या पीले रंग से रंग लें। इसके बाद इसमें लाल रंग का कपड़ा बिछा दें।
    • अब चौकी में भगवान गणेश, मां लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित कर दें। आप चाहे तो मां सरस्वती की मूर्ति भी स्थापित कर सकते हैं।
    • चौकी के पास एक मिट्टी या पीतल के कलश में जलभर कर रख दें और उसके ऊपर आम के पत्ते रखकर कोई कटोरी रख दें।
    • अब पूजा आरंभ करें। सबसे पहले सभी देवी देवताओं का आह्वान करके जल अर्पित करें। इसके बाद फल, माला, मौली, जनेऊ, सिंदूर, कुमकुम, अक्षत आदि अर्पित करें।
    • अब एक-एक पान में 2 लौंग, बाताशा, 1 सुपारी और 2 इलायची के साथ एक रुपए का सिक्का रखकर चढ़ादें। इसके साथ ही लाइया, गट्टा, खिलौना आदि के साथ मिठाई चढ़ा दें।
    • भोग लगाने के बाद जल अर्पित करें और घी का दीपक जलाने के साथ 5 अन्य दीपक जलाएं और सभी के सामने रख दें।
    • अब लक्ष्मी स्तुति, चालीसा और मंत्र का जाप करें। इसके बाद भगवान गणेश की आरती सहित अन्य आरती कर लें।
    • अंत में आचमन करने के बाद भूलचूक के लिए माफी मांग लें।
    • महालक्ष्मी की पूजा करने के बाद वाहन, बही खाता, तिजोरी, पुस्तक, बिजनेस संबंधी चीजों की पूजा कर लें और फिर पूरे घर को दीपक से सजा लें।
    • दिवाली में माता लक्ष्मी का आगमन अपने घर में या व्यावसायिक प्रतिष्ठान में कराना चाहते हैं तो श्री सूक्त के ऋग्वैदिक श्री सूक्तम के प्रथम श्लोक को पढ़ना चाहिए।

    ऊं हिरण्यवर्णान हरिणीं सुवर्ण रजत स्त्रजाम

    चंद्रा हिरण्यमयी लक्ष्मी जातवेदो म आ वहः।।

    दिवाली पर मां लक्ष्मी पूजा मंत्र

    • ॐ श्रीं श्रीयै नम:
    • ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः॥
    • ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥

    कुबेर प्रार्थना मंत्र

    धनदाय नमस्तुभ्यं निधिपद्माधिपाय च। भगवान् त्वत्प्रसादेन धनधान्यादिसम्पद:।।

    महालक्ष्मी मंत्र

    ॐ श्री ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नमः।।

    श्री लक्ष्मी बीज मंत्र

    ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥

    अर्घ्य मंत्र

    क्षीरोदार्णवसम्भूते सुरासुरनमस्कृते।

    सर्वदेवमये मातर्गृहाणार्घ्य नमो नम:।।

    प्रार्थना मंत्र

    सर्वमये देवि सर्वदेवैरलड्कृते।

    मातर्ममाभिलाषितं सफलं कुरु नन्दिनी।।

    माता लक्ष्मी आरती

    ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।

    तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता ।।

    ॐ जय लक्ष्मी माता ।।

    उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता ।

    सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ।।

    ॐ जय लक्ष्मी माता ।।

    दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता ।

    जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ।।

    ॐ जय लक्ष्मी माता ।।

    तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता ।

    कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता ।।

    ॐ जय लक्ष्मी माता ।।

    जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता ।

    सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता ।।

    ॐ जय लक्ष्मी माता ।।

    तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता ।

    खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता ।।

    ॐ जय लक्ष्मी माता ।।

    शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता ।

    रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता ।

    ॐ जय लक्ष्मी माता ।।

    महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता ।

    उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता ।।

    ॐ जय लक्ष्मी माता ।।

    Pic Credit- INSTAGRAM/ANKITA.S.RAI

    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।