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    Devshayani Ekadashi 2022: कब मनाई जाएगी देवशयनी एकादशी? जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

    By Shivani SinghEdited By:
    Updated: Thu, 16 Jun 2022 12:57 PM (IST)

    Devshayani Ekadashi 2022 आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी के नाम से जानते हैं। इसी दिन से ही भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते ह ...और पढ़ें

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    Devshayani Ekadashi 2022: देवशयनी एकादशी तिथि, मुहूर्त और महत्व

    नई दिल्ली, Devshayani Ekadashi 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी या हरिशयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार माना जाता है कि देवशयनी एकादशी से ही भगवान विष्णु अगले चार मास के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं। इसके साथ ही इन चार माह में हर तरह के मांगलिक कामों की पाबंदी हो जाती है। इसी कारण इस एकादशी को 24 एकादशियों में से विशेष माना जाता है। जानिए देवशयनी एकादशी तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि।

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    देवशयनी एकादशी तिथि और शुभ मुहूर्त

    देवशयनी एकादशी की तिथि- 10 जुलाई 2022

    आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी प्रारंभ- 9 जुलाई शाम 4 बजकर 39 मिनट से

    आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का समापन- 10 जुलाई दोपहर 2 बजकर 13 मिनट तक

    अनुराधा नक्षत्र- 10 जुलाई सुबह 9 बजकर 55 मिनट से 11 जुलाई सुबह 07 बजकर 50 मिनट तक

    शुभ योग - 10 जुलाई सुबह 4 बजकर 2 मिनट से 11 जुलाई सुबह 12 बजकर 45 मिनट तक।

    पारण का समय- 11 जुलाई सुबह 5 बजकर 52 मिनट से 11 जुलाई सुबह 8 बजकर 32 मिनट पर।

    देवशयनी एकादशी का महत्व

    आषाढ़ी एकादशी या देवशयनी एकादशी की महानता भगवान ब्रह्मा ने अपने पुत्र नारद को और फिर बाद में भगवान कृष्ण ने राजा युधिष्ठिर को सुनाई थी। देवशयनी एकादशी सबसे महत्वपूर्ण एकादशी व्रत में से एक है जिसे पहली एकादशी के रूप में भी मनाया जाता है। इस एकादशी को लेकर मान्यता है कि इस एकादशी व्रत को पूरी प्रतिबद्धता के साथ करता है, उसे सुखी, समृद्ध और शांतिपूर्ण जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है। सांसारिक सुखों का भोग करने के बाद अंत में उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

    देवशयनी एकादशी तब आती है जब भगवान विष्णु 'शेष नाग' पर 'क्षीरसागर' में सोते हैं। इसी कारण इसे 'हरि शयनी एकादशी' के नाम से भी जानते हैं।

    Pic Credit- Instagram/_jadevine15_

    डिसक्लेमर

    'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'