Dev Diwali 2022: इस चीजों के बगैर अधूरी है देव दीपावली की पूजा, जानिए संपूर्ण पूजन सामग्री और पूजा विधि
Dev Diwali 2022 हिंदू धर्म में देव दीपावली पर्व का काफी अधिक महत्व है। इस दिन भगवान शिव के साथ भगवान गणेश की पूजा करना शुभ माना जाता है। अगर इस बार घर में ही देव दिवाली के दिन पूजा कर रहे हैं तो ये पूजा सामग्री ले आएं।

नई दिल्ली, Dev Diwali 2022 Puja Samagri: देव दीपावली के दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ शिव जी की विधिवत पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि देव दीपावली के दिन भगवान शिव से त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था। ऐसे में सभी देवी देवताओं ने धरती पर काशी में गंगा स्नान के साथ दीपदान किया था। इसी कारण इसे देव दीपावली के नाम से जानते हैं। इस दिन पूजा के दौरान इस्तेमाल होने वाली चीजों का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। बता दें कि कार्तिक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन देव दीपावली पर्व मनाई जाएगी। इस दिन पूजा-पाठ करने से भक्तों को धन, ऐश्वर्य और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। यह पर्व कल यानि 7 नवम्बर के दिन हर्षोल्लास के साथ मनाई जाएगी। अगर आप घर पर पूजा की तयारी कर रहे हैं तो सामग्री में इन चीजों को शामिल करना ना भूलें।
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देव दिवाली पूजा सामग्री (Dev Diwali 2022 Pujan Samagri)
- तांबा का लोटा
- एक चौकी
- पीला रंग का वस्त्र
- भगवान गणेश की मूर्ति
- भगवान शिव की मूर्ति
- पीतल या मिट्टी का दीपक
- घी
- मौली
- जनेऊ
- बेल पत्र
- दूर्वा घास
- फूल
- माला
- सफेद चंदन
- सिंदूर
- अक्षत
- इत्र
- धूप
- नैवेद्य
- फल
- पान
- सुपारी
- लौंग
- छोटी इलायची
- दक्षिणा
- बाताशा
- अभिषेक के लिए- जल, कच्चा दूध, शहद, दही, पंचामृत, घी
- गंगाजल
- कपूर
- भोग के लिए कुछ मीठा
देव दीपावली 2022 पूजा विधि (Dev Diwali 2022 Puja Vidhi)
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देव दिवाली के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान आदि कर लें। इसके बाद साफ सुथरे वस्त्र धारण कर लें।
एक तांबा के लोटे में जल भरकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें।
शाम को प्रदोष काल में विधिवत पूजा करें।
शाम के समय एक चौकी में पीले रंग का वस्त्र बिछाएं। इसके बाद भगवान गणेश के साथ शिव जी की तस्वीर स्थापित कर दें।
शिव जी को सफेद चंदन चढ़ाएं। इसके साथ ही गणेश जी को लाल सिंदूर, अक्षत, कुमकुम आदि चढ़ा दें।
शिव जी और गणेश जी को जनेऊ, दुर्वा घास के साथ-साथ इत्र, फूल, माला, धूप और नैवेद्य आदि चढ़ा दें।
एक-एक पान में 2 लौंग, 2 छोटी इलायची, एक-एक सुपारी, एक-एक बताशा और कुछ रुपए रखकर चढ़ा दें।
घी का दीपक और धूप जलाकर विधिवत आरती के साथ मंत्र और चालीसा का पाठ करें।
अब शिवलिंग की भी पूजा कर लें। शिवलिंग का अभिषेक करें। इसके लिए दूध, दही, शहद, गंगाजल, पंचामृत आदि का इस्तेमाल कर लें।
अंत में विधिवत तरीके से आरती करने के बाद भूल चूक के लिए माफी मांग लें।
Pic Credit- Freepik
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