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    Deepak ke Niyam: पूजा के दीपक की इस तरह करें सफाई, साथ ही जान लें अन्य जरूरी नियम

    Updated: Fri, 22 Dec 2023 05:34 PM (IST)

    Deepak Benefits हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना के दौरान मुख्य रूप से दीपक जलाया जाता है। इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है जिस कारण साधक को पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है। ऐसे में आज हम आपको दीपक से जुड़े कुछ जरूरी नियम बताने जा रहे हैं जिनका ध्यान रखने पर आपको लाभ मिल सकता है।

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    Deepak ke Niyam: पूजा के दीपक के नियम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Deepak ke Niyam: हिंदू धर्म में दीपक को शुभता का प्रतीक माना गया है, इसलिए सुबह-शाम पूजा के दौरान जलाया जाता है। इसके साथ ही घर के मुख्य द्वार और तुलसी पर भी दीपक जलान के विधान है। मान्यताओं के अनुसार इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

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    इसलिए जलाया जाता है दीपक

    हिंदू धर्म में यह मान्यता है कि यदि किसी कार्य को अग्नि को साक्षी मानकर किया जाए तो उस कार्य से हमेशा शुभ फल ही प्राप्त होते हैं। यही कारण है हिंदू धर्म में पूजा के दौरान दीपक मुख्य रूप से प्रज्वलित किया जाता है।

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    दुबारा न करें इस दीये का उपयोग

    अगर आप पूजा में मिट्टी से बने दीये का उपयोग करते हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि एक बाद प्रयोग के बाद इन दीयों को दुबारा उपयोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि मिट्‌टी के दीये एक बाद जलाने के बाद काले पड़ जाते हैं, ऐसे में उन्हें दुबारा जलाना शुभ नहीं माना जाता।

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    ऐसे करें दीयों की सफाई

    यदि आप पूजा में तांबे, पीतल या चांदी से बने दीयों का इस्तेमाल करते हैं तो इनकी सफाई नियमित रूप से करते रहनी चाहिए। सफाई के लिए आप गंगाजल का प्रयोग कर सकते हैं। इससे दीये पवित्र हो जाते हैं और इन्हें दोबारा उपयोग में लाया जा सकता है।

    न करें ऐसे दीयों का इस्तेमाल

    पूजा के लिए कभी भी खंडित दीयों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से आपको पूजा-पाठ का पूरा फल प्राप्त नहीं होता। साथ ही इससे घर में नकारात्मकता भी आ सकती है।

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    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'