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    Deepak jalane ke Niyam: शाम को दीपक जलाने से होता है मां लक्ष्मी का आगमन, बस इन नियमों का रखें ध्यान

    Puja Path Tips हिंदू धर्म में माना गया है कि नियमित पूजा-पाठ करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है। पूजा के दौरान देवी-देवताओं के समक्ष दीपक जलाना जरूरी माना गया है। दीपक जलाए बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। चलिए जानते हैं कि प्रतिदिन घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से साधक को कौन-कौन से लाभ मिल सकते हैं।

    By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Tue, 31 Oct 2023 08:14 PM (IST)
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    Puja Path Tips जानिए शाम को दीपक जलाने के लाभ।

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Puja Rituals: सनातन धर्म में रोज सुबह-शाम पूजा करने का विधान है। वहीं, पूजा के दौरान दीपक जलाना भी जरूरी माना गया है। देवी-देवताओं की पूजन से लेकर किसी भी मांगलिक कार्यक्रम में दीपक आवश्यक रूप से जलाया जाता है। माना जाता है कि शाम के समय रोजाना दीपक जलाने से मां लक्ष्मी का आगमन होता है। ऐसे में दीपक जलाने से संबंधित कुछ नियमों का भी ध्यान रखना चाहिए।

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    दीपक जलाने के लाभ

    हिंदू धर्म में पूजा के दौरान दीपक जलाना बहुत ही जरूरी माना गया है। इसके बिना कोई भी पूजा अधूरी मानी जाती है। साथ ही  यह भी माना जाता है कि दीपक जलाने से घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा भी दूर होती है।

    यदि आप प्रतिदिन अपने मुख्य द्वार पर घी या तेल का दीपक जलाते हैं, तो इससे घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है। साथ ही इसके द्वारा घर से नकारात्मकता भी खत्म होती है। वहीं, घी का दीपक वास्तु दोष भी समाप्त करता है। इसलिए शाम के समय मुख्य द्वार पर दीपक जरूर जलाएं।

    इन बातों का रखें ध्यान

    श्याम 5:00 बजे से लेकर 7:00 बजे तक दिया जलाया जा सकता है। क्योंकि यह समय दिन और रात एक साथ मिलते हैं। साथ ही यह भी माना गया है कि यह समय देवताओं के आगमन का समय होता है।

    इस दिशा में जलाएं दिया

    घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाते समय दिशा का ध्यान रखना भी जरूरी है। दीये को हमेशा पश्चिम दिशा की ओर जलाना चाहिए। क्योंकि इस दिशा में मां लक्ष्मी जी का वास माना गया है।

    इन स्थानों पर जलाएं दीपक

    मुख्य द्वार के साथ-साथ घर के मंदिर में भी रोज सुबह शाम दीपक जलाना चाहिए। इससे साधक के जीवन में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है। लेकिन ध्यान रहे के दीपक खंडित नहीं होना चाहिए, वरना इससे आपको पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'