Chhath Puja 2023: आज किया जाएगा छठ पर्व का खरना, इस कारण बंद कमरे में की जाती है यह पूजा
Kharna Puja 2023 लोक आस्था का महापर्व कहा जाने वाला पर्व यानी छठ पूजा विशेष महत्व रखता है। यह उत्सव हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। छठ पर्व के दौरान नहाय खाय और खरना का विशेष महत्व है। इस दौरान साधक को अपनी स्वच्छता और पवित्रता का विशेष ध्यान रखना होता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chhath Puja 2023 Kharna: इस साल छठ पर्व की शुरुआत 17 नवंबर, शुक्रवार के दिन से हो चुकी है। ऐसे में आज यानी 18 नवंबर को खरना किया जाएगा। खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद से ही छठ का व्रत शुरू हो जाता है। इसके बाद अगले 36 घंटे तक निर्जला उपवास रखा जाता है। छठ पर्व के दौरान कई नियमों का पालन किया जाता है। इन्हीं में से एक है बंद कमरे में खरना करना, आइए जानते हैं इसका कारण।
खरना का महत्व
छठ पर्व में नहाय खाय की तरह खरना का भी विशेष महत्व होता है। खरना के दिन व्रत कर रही महिलाएं सबसे पहले नए मिट्टी के चूल्हे पर गुड़ और चावल की खीर बनाती हैं। इसके बाद इस खीर का भोग छठी मैया को लगाया जाता है। फिर इस खीर को व्रत करने वाली महिलाएं प्रसाद के रूप में ग्रहण करती हैं और इसी के बाद से निर्जला व्रत शुरू हो जाता है।
छठ पूजा के चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है। खरना में साधक की आंतरिक शुद्धता पर जोर दिया जाता है। साथ ही यह भी माना जाता है कि खरना के साथ ही छठी मैया साधक के घर में भी प्रवेश करती हैं।
खरना का मुहूर्त
छठ पूजा के दौरान सूर्योदय और सूर्यास्त का समय बहुत ही जरूरी माना जाता है। ऐसे में खरना के दिन सूर्योदय सुबह 06 बजकर 46 मिनट पर होगा और शाम 05 बजकर 26 मिनट पर सूर्यास्त हो जाएगा।
नहाय खाय का पर्व करते हुए छठ व्रती - जागरण इमेज
इसलिए बंद कमरे में किया जाता है खरना
माना जाता है कि खरना के दौरान छठ व्रत कर रहे साधक के व्रत में किसी प्रकार की बाधा नहीं आनी चाहिए और न ही किसी प्रकार का शोर होना चाहिए। यही कारण है कि खरना एक बंद कमरे में करने की परम्परा चली आ रही है।
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