Chaturmas 2023: चातुर्मास व्रत के दौरान इन नियमों का रखें ध्यान, बनी रहेगी भगवान विष्णु की कृपा
Chaturmas 2023 शास्त्रों के अनुसार देवशयनी एकादशी के दिन से 4 महीने के लिए भगवान विष्णु के साथ-साथ विभिन्न देवी-देवता सोने के लिए चले जाते हैं। इस साल ...और पढ़ें

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Chaturmas 2023: चातुर्मास का हिंदू धर्म में बहुत ही महत्व है। सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। धर्म ग्रंथों के अनुसार देवशयनी एकादशी के बाद जगत के पालनहार भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं। ऐसे में चातुर्मास के समय सृष्टि का संचालन भगवान शिव ही करते हैं। यह 4 महीने सावन, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक मास हैं। साथ ही इसके कुछ नियमों को भी बताया गया है। अगर इन नियमों का ध्यान रखा जाए तो व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
चातुर्मास के नियम
चातुर्मास में सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। बहुत-सी महिलाएं इस नियम का पालन करती हैं। खासतौर पर श्रावण और कार्तिक मास में तो यह नियम सभी को अपनाना चाहिए। चातुर्मास के दौरान जमीन पर सोना चाहिए।
क्या है खानपान के नियम
चातुर्मास में एक वक्त भोजन करने और रात के समय फलाहार करना बहुत ही अच्छा माना जाता है। इससे व्यक्ति का शरीर और मन दोनों ही शुद्ध बने रहते हैं। चातुर्मास के दौरान प्याज, लहसुन, मांस-मछली आदि का सेवन करना शुभ नहीं माना जाता। इस समय केवल सात्विक भोजन ही ग्रहण करें।
करें ये धार्मिक पाठ
चातुर्मास की पूरी अवधि के दौरान गीता, सुंदर कांड, रामायण का पाठ करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दौरान भजन आदि करने से सांसारिक बाधाएं दूर होती हैं।
इन चीजों को करें दान
चातुर्मास के दौरान दान-दक्षिणा का विशेष महत्व है। इस अवधि में व्यक्ति को अपनी क्षमता और श्रद्धा के अनुसार, जरूरतमंदों दान आदि करना चाहिए। चातुर्मास में 5 तरह का दान करने का विधान हैं, जो इस प्रकार है- अन्नदान, वस्त्र दान, दीपदान , श्रमदान ,छायादान
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