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    Hanuman Mantra: मंगलवार के दिन करें इन चमत्कारी मंत्रों का जाप, सभी संकटों से मिलेगी निजात

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Mon, 11 Sep 2023 07:35 PM (IST)

    Hanuman Mantra ज्योतिष कुंडली में मंगल ग्रह मजबूत करने के लिए मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने की सलाह देते हैं। हनुमान जी की पूजा-उपासना करने से कुंडली में व्याप्त अशुभ ग्रहों का प्रभाव समाप्त हो जाता है। शनि की बाधा से भी मुक्ति मिलती है। अत साधक श्रद्धा भाव से मंगलवार के दिन मंदिर जाकर या घर पर ही अपने आराध्य हनुमान जी की पूजा करते हैं।

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    Hanuman Mantra: मंगलवार के दिन करें इन चमत्कारी मंत्रों का जाप, सभी संकटों से मिलेगी निजात

    नई दिल्ली, आध्यात्म डेस्क | Hanuman Mantra: सनातन धर्म में मंगलवार के दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। साथ ही विशेष कार्यों में सिद्धि या सफलता पाने हेतु मंगलवार का उपवास रखा जाता है। हनुमान जी को संकट मोचन कहा जाता है। उनकी पूजा-उपासना करने से व्यक्ति के जीवन में व्याप्त दुख, संकट, भय और क्रोध दूर हो जाते हैं। साथ ही कुंडली में मंगल ग्रह मजबूत होता है।

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    ज्योतिष कुंडली में मंगल ग्रह मजबूत करने के लिए मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने की सलाह देते हैं। हनुमान जी की पूजा-उपासना करने से कुंडली में व्याप्त अशुभ ग्रहों का प्रभाव समाप्त हो जाता है। शनि की बाधा से भी मुक्ति मिलती है। अत: साधक श्रद्धा भाव से मंगलवार के दिन मंदिर जाकर या घर पर ही अपने आराध्य हनुमान जी की पूजा करते हैं। अगर आप भी राम भक्त हनुमान जी की कृपा-दृष्टि पाना चाहते हैं, तो मंगलवार के दिन पूजा के समय इन मंत्रों का जाप अवश्य करें। इन मंत्रों के जाप से न केवल समस्त प्रकार के दुख और संताप दूर होते हैं, बल्कि सकल मनोरथ भी सिद्ध हो जाते हैं। आइए जानते हैं-

    हनुमान जी के मंत्र

    1.

    मनोजवं मारुततुल्यवेगं, जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्।

    वातात्मजं वानरयूथमुख्यं, श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥

    2.

    ओम नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय

    सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।

    3.

    अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं, दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।।

    सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं, रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि ।।

    4.

    आदिदेव नमस्तुभ्यं सप्तसप्ते दिवाकर!

    त्वं रवे तारय स्वास्मानस्मात्संसार सागरात!!

    5.

    ॐ पूर्वकपिमुखाय पच्चमुख हनुमते टं टं टं टं टं सकल शत्रु सहंरणाय स्वाहा।

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    6.

    ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय पच्चवदनाय

    पूर्वमुखे सकलशत्रुसंहारकाय रामदूताय स्वाहा।

    7.

    ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमितविक्रमाय

    प्रकट-पराक्रमाय महाबलाय सूर्यकोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा।

    8.

    ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय रामसेवकाय रामभक्तितत्पराय

    रामहृदयाय लक्ष्मणशक्ति भेदनिवावरणाय

    लक्ष्मणरक्षकाय दुष्टनिबर्हणाय रामदूताय स्वाहा।

    9.

    ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय आध्यात्मिकाधिदैवीकाधिभौतिक

    तापत्रय निवारणाय रामदूताय स्वाहा।

    10.

    ॐ आपदामप हर्तारम दातारं सर्व सम्पदाम,

    लोकाभिरामं श्री रामं भूयो भूयो नामाम्यहम !

    श्री रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे

    रघुनाथाय नाथाय सीताया पतये नमः !

    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।