Kark Sankranti 2023: कर्क संक्रांति के दिन करें इन मंत्रों का जाप, सभी दुख और संकट हो जाएंगे दूर
Kark Sankranti 2023 ज्योतिषियों की मानें तो सूर्य देव के एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना संक्रांति कहलाता है। इस वर्ष 17 जुलाई को ब्रह्म बेला में सूर्य देव मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। बड़ी संख्या में श्रद्धालु संक्रांति तिथि पर गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाकर सूर्य देव की पूजा- उपासना करते हैं।
नई दिल्ली, आध्यात्म डेस्क | Kark Sankranti 2023: आज कर्क संक्रांति है। संक्रांति तिथि पर सूर्य देव की पूजा-उपासना की जाती है। साथ ही जरूरतमंदों को दान दक्षिणा दिया जाता है। ज्योतिषियों की मानें तो सूर्य देव के एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना संक्रांति कहलाता है। इस वर्ष 17 जुलाई को ब्रह्म बेला में सूर्य देव मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। बड़ी संख्या में श्रद्धालु संक्रांति तिथि पर गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाकर सूर्य उपासना करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि सूर्य उपासना करने से आय, आयु और सौभाग्य में अपार वृद्धि होती है। अतः साधक संक्रांति तिथि पर पूजा, जप-तप और दान करते हैं। अगर आप भी सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो कर्क संक्रांति के दिन इन मंत्रों का जाप अवश्य करें। आइए जानते हैं-
सूर्य देव के मंत्र
सूर्य नमस्कार मंत्र
आदित्यस्य नमस्कारान् ये कुर्वन्ति दिने दिने।
आयुः प्रज्ञा बलं वीर्यं तेजस्तेषां च जायते ॥
सूर्य देव के द्वादश नाम
1. ॐ सूर्याय नम:।
2. ॐ मित्राय नम:।
3. ॐ रवये नम:।
4. ॐ भानवे नम:।
5. ॐ खगाय नम:।
6. ॐ पूष्णे नम:।
7. ॐ हिरण्यगर्भाय नम:।
8. ॐ मारीचाय नम:।
9. ॐ आदित्याय नम:।
10. ॐ सावित्रे नम:।
11. ॐ अर्काय नम:।
12. ॐ भास्कराय नम:।
सूर्य वैदिक मंत्र
ऊँ आकृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यण्च ।
हिरण्य़येन सविता रथेन देवो याति भुवनानि पश्यन ।।
सूर्य तांत्रिक मंत्र
ऊँ घृणि: सूर्यादित्योम
ऊँ घृणि: सूर्य आदित्य श्री
ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय: नम:
ऊँ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नम:
सूर्य पौराणिक मंत्र
जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महाद्युतिम ।
तमोsरिं सर्वपापघ्नं प्रणतोsस्मि दिवाकरम ।।
सूर्य गायत्री मंत्र
ऊँ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात ।।
सूर्य मंत्र
एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते।
अनुकम्पय मां देवी गृहाणार्घ्यं दिवाकर।।
गायत्री मंत्र
ॐ ॐ ॐ ॐ भूर् भुवः स्वः तत् सवितुर्वरेण्यं।
भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ।।
मनोकामना पूर्ति हेतु मंत्र
ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः।
ॐ सूर्याय नम:।
ॐ घृणि सूर्याय नम:।
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ।
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