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    Kanya Sankranti 2024: कन्या संक्रांति पर करें इन मंत्रों का जप, करियर को मिलेगा नया आयाम

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Wed, 11 Sep 2024 01:00 PM (IST)

    सनातन धर्म में संक्रांति (Kanya Sankranti 2024) तिथि का विशेष महत्व है। इस शुभ अवसर पर सूर्य देव की पूजा की जाती है। धार्मिक मत है कि आत्मा के कारक सूर्य देव की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही साधक को शारीरिक और मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। इस दिन दान-पुण्य भी किया जाता है।

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    Kanya Sankranti 2024: कन्या संक्रांति का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 16 सितंबर को कन्या संक्रांति है। इस दिन आत्मा के कारक सूर्य देव सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि (Kanya Sankranti 2024) में गोचर करेंगे। सूर्य देव के राशि परिवर्तन करने की तिथि पर संक्रांति मनाई जाती है। इस शुभ तिथि पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान करते हैं। इसके साथ ही पूजा, जप-तप और दान पुण्य करते हैं। सूर्य देव की उपासना करने से साधक को आरोग्य जीवन का वरदान मिलता है। ज्योतिष भी करियर और कारोबार में सफलता पाने के लिए सूर्य देव की पूजा करने की सलाह देते हैं। इसके लिए साधक रोजाना सूर्य देव को जल का अर्ध्य देते हैं। साथ ही सूर्य उपासना करते हैं। अगर आप भी अपने करियर को नया आयाम देना चाहते हैं, तो कन्या संक्रांति पर पूजा के समय सूर्य देव के नामों का मंत्र जप करें।

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    सूर्य देव के 108 नाम

    1. ॐ नित्यानन्दाय नमः

    2. ॐ निखिलागमवेद्याय नमः

    3. ॐ दीप्तमूर्तये नमः

    4. ॐ सौख्यदायिने नमः

    5. ॐ श्रेयसे नमः

    6. ॐ श्रीमते नमः

    7. ॐ अं सुप्रसन्नाय नमः

    8. ॐ ऐं इष्टार्थदाय नमः

    9. ॐ सम्पत्कराय नमः

    10. ॐ हिरण्यगर्भाय नमः

    11. ॐ तेजोरूपाय नमः

    12. ॐ परेशाय नमः

    13. ॐ नारायणाय नमः

    14. ॐ कवये नमः

    15. ॐ सूर्याय नमः

    16. ॐ सकलजगतांपतये नमः

    17. ॐ सौख्यप्रदाय नमः

    18. ॐ आदिमध्यान्तरहिताय नमः

    19. ॐ भास्कराय नमः

    20. ॐ ग्रहाणांपतये नमः

    21. ॐ वरेण्याय नमः

    22. ॐ तरुणाय नमः

    23. ॐ परमात्मने नमः

    24. ॐ हरये नमः

    25. ॐ रवये नमः

    26. ॐ अहस्कराय नमः

    27. ॐ परस्मै ज्योतिषे नमः

    28. ॐ अमरेशाय नमः

    29. ॐ अच्युताय नमः

    30. ॐ आत्मरूपिणे नमः

    31. ॐ अचिन्त्याय नमः

    32. ॐ अन्तर्बहिः प्रकाशाय नमः

    33. ॐ अब्जवल्लभाय नमः

    34. ॐ कमनीयकराय नमः

    35. ॐ असुरारये नमः

    36. ॐ उच्चस्थान समारूढरथस्थाय नमः

    37. ॐ जन्ममृत्युजराव्याधिवर्जिताय नमः

    38. ॐ जगदानन्दहेतवे नमः

    39. ॐ जयिने नमः

    40. ॐ ओजस्कराय नमः

    41. ॐ भक्तवश्याय नमः

    42. ॐ दशदिक्संप्रकाशाय नमः

    43. ॐ शौरये नमः

    44. ॐ हरिदश्वाय नमः

    45. ॐ शर्वाय नमः

    46. ॐ ऐश्वर्यदाय नमः

    47. ॐ ब्रह्मणे नमः

    48. ॐ बृहते नमः

    49. ॐ घृणिभृते नमः

    50. ॐ गुणात्मने नमः

    51. ॐ सृष्टिस्थित्यन्तकारिणे नमः

    52. ॐ भगवते नमः

    53. ॐ एकाकिने नमः

    54. ॐ आर्तशरण्याय नमः

    55. ॐ अपवर्गप्रदाय नमः

    56. ॐ सत्यानन्दस्वरूपिणे नमः

    57. ॐ लूनिताखिलदैत्याय नमः

    58. ॐ खद्योताय नमः

    59. ॐ कनत्कनकभूषाय नमः

    60. ॐ घनाय नमः

    61. ॐ कान्तिदाय नमः

    62. ॐ शान्ताय नमः

    63. ॐ लुप्तदन्ताय नमः

    64. ॐ पुष्कराक्षाय नमः

    65. ॐ ऋक्षाधिनाथमित्राय नमः

    66. ॐ उज्ज्वलतेजसे नमः

    67. ॐ ऋकारमातृकावर्णरूपाय नमः

    68. ॐ नित्यस्तुत्याय नमः

    69. ॐ ऋजुस्वभावचित्ताय नमः

    70. ॐ ऋक्षचक्रचराय नमः

    71. ॐ रुग्घन्त्रे नमः

    72. ॐ ऋषिवन्द्याय नमः

    73. ॐ ऊरुद्वयाभावरूपयुक्तसारथये नमः

    74. ॐ जयाय नमः

    75. ॐ निर्जराय नमः

    76. ॐ वीराय नमः

    77. ॐ ऊर्जस्वलाय नमः

    78. ॐ हृषीकेशाय नमः

    79. ॐ उद्यत्किरणजालाय नमः

    80. ॐ विवस्वते नमः

    81. ॐ ऊर्ध्वगाय नमः

    82. ॐ उग्ररूपाय नमः

    83. ॐ उज्ज्वल नमः

    84. ॐ वासुदेवाय नमः

    85. ॐ वसवे नमः

    86. ॐ वसुप्रदाय नमः

    87. ॐ सुवर्चसे नमः

    88. ॐ सुशीलाय नमः

    89. ॐ सुप्रसन्नाय नमः

    90. ॐ ईशाय नमः

    91. ॐ वन्दनीयाय नमः

    92. ॐ इन्दिरामन्दिराप्ताय नमः

    93. ॐ भानवे नमः

    94. ॐ इन्द्राय नमः

    95. ॐ इज्याय नमः

    96. ॐ विश्वरूपाय नमः

    97. ॐ इनाय नमः

    98. ॐ अनन्ताय नमः

    99. ॐ अखिलज्ञाय नमः

    100. ॐ अच्युताय नमः

    101. ॐ अखिलागमवेदिने नमः

    102. ॐ आदिभूताय नमः

    103 ॐ आदित्याय नमः

    104. ॐ आर्तरक्षकाय नमः

    105. ॐ असमानबलाय नमः

    106. ॐ करुणारससिन्धवे नमः

    107. ॐ शरण्याय नमः

    108. ॐ अरुणाय नमः

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।