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    Ganesh Mantra: भगवान गणेश की पूजा के समय करें मंत्रों का जप एवं आरती, दूर होंगे सभी दुख एवं कष्ट

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Wed, 14 Aug 2024 08:00 AM (IST)

    सनातन शास्त्रों में वर्णित है कि भगवान गणेश की पूजा (Ganesh Puja) आदिकाल से की जाती है। वर्तमान समय में शुभ कार्य का श्रीगणेश करने से पहले गणपति बप्पा की उपासना की जाती है। भगवान गणेश की पूजा करने से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं। साथ ही धन संबंधी परेशानी से मुक्ति मिलती है। इसके लिए साधक गणपति बप्पा की भक्ति भाव से पूजा करते हैं।

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    Ganesh Mantra: भगवान गणेश को कैसे प्रसन्न करें ?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Budhwar Ke Upay: बुधवार का दिन भगवान गणेश को बेहद प्रिय है। इस दिन साधक श्रद्धा भाव से भगवान गणेश की पूजा करते हैं। साथ ही मनचाहा वर पाने के लिए भगवान गणेश को दूर्वा एवं मोदक भेंट करते हैं। ज्योतिष भी व्यापार में उन्नति एवं तरक्की के लिए बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा करने की सलाह देते हैं। कुंडली में बुध मजबूत रहने से व्यापार में मनमुताबिक सफलता मिलती है। अगर आप भी भगवान गणेश की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो बुधवार के दिन विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा  (Lord Ganesh Puja Vidhi) करें। साथ ही पूजा के समय इन मंत्रों का जप करें। साथ ही पूजा का समापन गणेश जी की आरती से करें।

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    गणेश मंत्र

    1. वक्रतुण्ड महाकाय कोटिसूर्य समप्रभ।

    निर्विघ्नं कुरू मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।

    2. वक्रतुण्ड महाकाय कोटिसूर्य समप्रभ।

    निर्विघ्नं कुरू मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।

    3. ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं चिरचिर गणपतिवर वर देयं मम वाँछितार्थ कुरु कुरु स्वाहा ।

    4. ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।

    5. ॐ एकदन्ताय विद्धमहे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥

    भगवान गणेश की आरती

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

    एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।

    माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

    पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।

    लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

    अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।

    बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

    'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

    दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।

    कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।