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    Chalisa Path Niyam: पूजा के दौरान करते हैं चालीसा पाठ, तो जरूर ध्यान रखें ये नियम

    Updated: Wed, 03 Jul 2024 11:00 AM (IST)

    हिंदू में पूजा-पाठ का विशेष महत्व माना गया है। यह ईश्वर के प्रति अपनी श्रद्धा व भक्ति प्रकट करने का एक माध्यम माना गया है। कई परिवारों में नियमित रूप से पूजा-पाठ की जाती है। इस दौरान चालीसा का पाठ भी किया जाता है। चलीसा में 40 छंद या 40 चौपाइयां होती हैं। माना जाता है कि इसके पाठ से जीवन में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलते हैं।

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    Chalisa Path Niyam चालीसा पाठ करते समय ध्यान रखें ये बातें (Picture Credit: Freepik)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। कई साधक पूजा-पाठ के दौरान अपने आराध्य देव की चालीसा का पाठ भी करते हैं। इस दौरान हनुमान चालीसा, दुर्गा चालीसा और शिव चालीसा आदि का पाठ किया जाता है। ऐसा करना शुभ फलदायी माना जाता है। लेकिन इस दौरान कुछ नियमों का भी ध्यान रखना चाहिए, ताकि आपको पूजा का पूर्ण फल प्राप्त हो सके। चलिए जानते हैं चालीसा पाठ से जुड़े कुछ नियम।

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    मिलते हैं ये लाभ

    चालीसा का पाठ मुख्य रूप से सुबह और शाम किया जाता है। आराध्य देव को प्रसन्न करने के लिए चालीसा का पाठ करना सबसे आसान विधि मानी गई है। इससे जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इसके साथ ही चालीसा पाठ से जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है और मानसिक शांति का भी अनुभव होता है, जिससे तनाव दूर बना रहता है।

    कितनी बार करना चाहिए जाप

    माना जाता है कि यदि आप 40 दिनों तक लगातार 11 बार सुबह और शाम चालीसा का पाठ करते हैं, तो इससे वह सिद्ध हो जाती है। ऐसे में आप जिस भी देवी-देवता की चालीसा का पाठ कर रहे हैं, उनकी कृपा आपको मिलने लगती है। जिससे साधक की मनोकामनाएं भी पूरी होने लगती हैं।

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    जरूर ध्यान रखें ये बातें

    चालीसा का पाठ हमेशा स्नान आदि करने और साफ-सुथरे वस्त्र धारण करने के बाद ही करना चाहिए। चालीसा पाठ के दौरान इस बाता का ध्यान रखना चाहिए कि आपके उच्चारण में कोई गलती न हो। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि चालीसा पाठ के दौरान आपका मन इधर-उधर न भटके। चालीसा का पाठ करने के लिए हमेशा शांत जगह का ही चयन करें, ताकि इस दौरान कोई विघ्न न पड़े।

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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