Bhojan Ke Niyam: खाना खाते समय करें सनातन धर्म के इन नियमों का पालन, हमेशा रहेंगे स्वस्थ
Bhojan Ke Niyam कहा जाता है कि व्यक्ति की आधे से ज्यादा बीमारियों का संबंध पेट से होता है। ऐसे में अगर भोजन करते समय सनातन धर्म में बताए गए कुछ नियमों का ध्यान रखें तो कई शारीरिक समस्याओं से बच सकता है। आइए जानते हैं कि हिन्दू धर्म के अनुसार भोजन के करते वक्त किन नियमों का ध्यान रखा जाना जरूरी है।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Bhojan Ke Niyam: सनातन धर्म प्राचीन होने के साथ-साथ वैज्ञानिक भी है। इसमें बताए गए नियमों का संबंध सीधे तौर पर विज्ञान से जुड़ा होता है। हिंदू धर्म में सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त के नियम बनाए गए हैं। जिससे व्यक्ति हमेशा स्वस्थ बना रहता है। यदि भोजन के सभी नियमों का पालन किया जाए तो व्यक्ति के जीवन में किसी भी प्रकार का रोग नहीं होता।
इस तरह ना करें भोजन
सनातन धर्म में माना गया है कि ईर्ष्या, भय क्रोध और लोभ भाव के साथ किया हुआ भोजन कभी भी पचता नहीं है। वहीं भोजन के न पचने पर कई तरह की बीमारियां पैदा हो सकती हैं।
इस तरह की न में भोजन
सनातन धर्म के अनुसार, खाना बीच में नहीं छोड़ना चाहिए। अगर किसी वजह से खाना बीच में छोड़ देते हैं तो दोबारा उस को करने नहीं बैठना चाहिए। इससे पेट में अपच पैदा होती है। फल या मिठाई आधा खाने के बाद पुरे नहीं खाना चाहिए। क्योंकि आधा खाया हुआ फल वह भोजन दूषित माना गया है। यह बीमारियों को न्योता देता है।
मौन रहकर करें भोजन
आपके अक्सर बड़े-बुजुर्गों को कहते सुना होगा कि खाना खाते समय कभी भी बोलना नहीं चाहिए। ऐसा करने से खाने पर ध्यान नहीं रहता जो सेहत के लिए हानिकारक है।
इस तरह खाएं भोजन
सनातन धर्म और विज्ञान दोनों के अनुसार, भोजन को चबा-चबाकर खाना चाहिए। इससे आतों पर खाने को पचाने का अधिक दबाव नहीं पड़ता और भोजन आसानी से पच जाता है।
रात में भरपेट भोजन कभी ना करें
शास्त्रों में भी इस बात का वर्णन मिलता है कि रात के समय भरपेट भोजन या भारी भोजन नहीं करना चाहिए। क्योंकि रात में अधिक खाना खाने से शरीर को उसे पचाने में अधिक समय लगता है और शरीर में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं।
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