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Saraswati Puja Mantra 2020: आज इन मंत्रों से ज्ञान की देवी को करें प्रसन्न, पूजा के बाद करें माता सरस्वती की आरती

Saraswati Puja Mantra 2020 वसंत पंचमी को पूजा के समय सरस्वती वंदना सरस्वती मंत्र और सरस्वती माता की आरती करनी जरूरी है।

By Kartikey TiwariEdited By: Published: Wed, 29 Jan 2020 03:00 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jan 2020 08:35 AM (IST)
Saraswati Puja Mantra 2020: आज इन मंत्रों से ज्ञान की देवी को करें प्रसन्न, पूजा के बाद करें माता सरस्वती की आरती
Saraswati Puja Mantra 2020: आज इन मंत्रों से ज्ञान की देवी को करें प्रसन्न, पूजा के बाद करें माता सरस्वती की आरती

Saraswati Puja Mantra 2020: देशभर में आज वसंत पंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है। आज के दिन ज्ञान, विवेक और बुद्धि की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है। पूजा के दौरान मां सरस्वती के मंत्रों, सरस्वती वंदना और मां सरस्वती की आरती जरूर करनी चाहिए। वसंत पंचमी के दिन पीले वस्त्र पहनकर आपको माता की पूजा विधिपूर्वक करनी चाहिए। आज के दिन शुभ मुहूर्त में सरस्वती वंदना, मंत्र और आरती करने से आपकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उसका विशेष फल प्राप्त होता है। माता की कृपा से आपको कला और शिक्षा के क्षेत्र में सर्वोत्तम स्थान प्राप्त होता है। 

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वसंत पंचमी पर हम आपको मां सरस्वती के उन मंत्रों के बारे में बता रहे हैं, जिनके स्मरण से आपको मनचाहे फल प्राप्त होंगे। हर मोकामना की पूर्ति के लिए अलग मंत्र है।

1. सरस्वती पूजा मंत्र/Saraswati Puja Mantra

1. ओम ऐं सरस्वत्यै ऐं नमः। यह मां सरस्वती का मूल मंत्र है।

2. ओम ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः। यह मां सरस्वती का संपूर्ण मंत्र है।

3. या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।

या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥

या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।

सा माम् पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥

शुक्लाम् ब्रह्मविचार सार परमाम् आद्यां जगद्व्यापिनीम्।

वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्‌॥

हस्ते स्फटिकमालिकाम् विदधतीम् पद्मासने संस्थिताम्‌।

वन्दे ताम् परमेश्वरीम् भगवतीम् बुद्धिप्रदाम् शारदाम्‌॥

4. ऐं ह्रीं श्रीं अंतरिक्ष सरस्वती परम रक्षिणी।

मम सर्व विघ्न बाधा निवारय निवारय स्वाहा।।

इस मंत्र के जाप से सभी विघ्न-बाधाओं का नाश होता है।

सरस्वती माता की आरती/Saraswati Mata Ki Aarti

जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।

सद्गुण वैभवशालिनी, त्रिभुवन विख्याता।। जय सरस्वती माता...

चन्द्रवदनि, पद्मासिनि द्युति मंगलकारी।

सोहे हंस-सवारी, अतुल तेजधारी।। जय सरस्वती माता...

बाएं कर में वीणा, दूजे कर माला।

शीश मुकुट-मणि सोहे, गले मोतियन माला। जय सरस्वती माता...

देव शरण में आए, उनका उद्धार किया।।

पैठी मंथरा दासी, असुर-संहार किया। जय सरस्वती माता...

वेद-ज्ञान-प्रदायिनि, बुद्धि-प्रकाश करो।।

मोहाज्ञान तिमिर का सत्वर नाश करो। जय सरस्वती माता...

धूप-दीप-फल-मेवा-पूजा स्वीकार करो।। 

ज्ञान-चक्षु दे माता, सब गुण-ज्ञान भरो। जय सरस्वती माता...

मां सरस्वती की आरती, जो कोई जन गावे।।

हितकारी, सुखकारी ज्ञान-भक्ति पावे।। जय सरस्वती माता...


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