विनायक चतुर्थी के दिन करें इन मंत्रों का जाप, चमक उठेगी किस्मत
हे उमा के पुत्र गणाधिपति गणेश दुखहर्ता आपके चरण कमल में शीष नवांता हूं। आप मुझ पर अपनी कृपा बरसाए रखें और मेरे समस्त विघ्न और बाधाओं को दूर करें।
दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। कल विनायक चतुर्थी है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा, जप और तप की जाती है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, लंबोदर, गजानन, गणपति, बप्पा, गणेश आदि भी कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति सच्चे मन से गणपति बप्पा की पूजा करता है। उसके जीवन से सभी दुःख और संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही जीवन में मंगल का आगमन होता है। धार्मिक मान्यता है कि गणेश जी की सबसे पहले पूजा की जाती है। ऐसे में विनायक चतुर्थी के दिन निम्न मंत्रों का जरूर जाप करें-
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
इस मंत्र के जरिए बप्पा से सभी दुःख दूर करने की कामना की जाती है। इस मंत्र का अर्थ है- हे गणपति महराज प्रभु! आप विशालकाल शरीर वाले, सहस्त्र सूर्य के समतुल्य महान है। आप मेरे सभी विघ्नों को हर लें और सभी बिगड़े काम बना दें। अपनी कृपा मुझ पर बनाए रखें। इस मंत्र के जाप से व्यक्ति के सभी काम बन जाते हैं।
गजाननं भूतगणाधिसेवितं,
कपित्थजम्बूफलचारुभक्षणम्।
उमासुतं शोकविनाशकारकम्न,
मामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम्॥
इस मंत्र का भावार्थ है- हे उमा के पुत्र गणाधिपति गणेश, दुखहर्ता आपके चरण कमल में शीष नवांता हूं। आप मुझ पर अपनी कृपा बरसाए रखें और मेरे समस्त विघ्न और बाधाओं को दूर करें।
कृपा करो गणनाथ
प्रभु-शुभता कर दें साथ।
रिद्धि-सिद्धि शुभ लाभ
प्रभु, सब हैं तेरे पास।।
ये सब मेरे साथ हो-हे गणपति भगवान। पूर्ण करो प्रभु कामना, आपको बारंबार प्रणाम।। इस मंत्र के जरिए व्यक्ति भगवान गणेश से शुभ लाभ देने की कामना करता है।अतः जीवन में व्यापक बदलाव के लिए विनायक चतुर्थी के दिन इन मंत्रों का जरूर जाप करें।
ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते
वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।
इस मंत्र जाप से व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही शत्रूओं का दमन होता है। इस मंत्र का कम से कम 11 बार जरूर जाप करें।