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    Gupt Navratri 2022: आषाढ़ नवरात्रि कब से प्रारंभ? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और 10 महाविद्याओं के बारे में

    By Shivani SinghEdited By:
    Updated: Tue, 14 Jun 2022 01:56 PM (IST)

    Gupt Navratri 2022 आषाढ़ माह में पड़ने वाली गुप्त नवरात्रि का काफी अधिक महत्व है। इस दिन मां दुर्गा के नौ रूपों के साथ दस महाविद्या की साधना की जाती है। जानिए गुप्त नवरात्रि तिथियां और घटस्थापना का मुहूर्त के बारे में

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    Gupt Navratri 2022: आषाढ़ नवरात्रि कब से प्रारंभ

    नई दिल्ली, Gupt Navratri 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रतिवर्ष चार बार नवरात्रि आती हैं। जिसमें से दो प्रत्यक्ष नवरात्रि यानी शारदीय और चैत्र नवरात्रि होती है। इसके अलावा दो गुप्त नवरात्रि होती है जिसमें एक माघ में पड़ती है और दूसरी आषाढ़ मास में। आषाढ़ मास में पड़ने वाली गुप्त नवरात्रि 30 जून से शुरू हो रही है। गुप्त नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ अवतारों के साथ-साथ 10 महाविद्याओं की पूजा भी की जाती है। जानिए गुप्त नवरात्रि की तिथियां, घटस्थापना का शुभ मुहूर्त।

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    आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2022 शुभ मुहूर्त

    आषाढ़ मास की प्रतिपदा तिथि आरंभ- 29 जून को सुबह 8 बजकर 22 मिनट से शुरू

    आषाढ़ मास की प्रतिपदा तिथि का समापन- 30 जून को सुबह 10 बजकर 49 मिनट तक

    अभिजीत मुहूर्त- 30 जून को दोपहर 12 बजकर 3 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 57 मिनट तक रहेगा।

    घटस्थापना का शुभ मुहूर्त- 30 जून को सुबह 5 बजकर 48 मिनट से 10 बजकर 16 मिनट तक

    गुप्त नवरात्रि में की जाएगी इन दस महाविद्याओं की पूजा

    दस महाविद्याओं और उनके मंत्र

    1. देवी काली

    मंत्र – ‘ॐ क्रीं क्रीं क्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं क्रीं स्वाहाः’

    2. तारा देवी:-

    मंत्र- ‘ॐ ह्रीं स्त्रीं हुं फट’

    3. त्रिपुर सुंदरी देवी:-

    मंत्र – ‘ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नमः’

    4. देवी भुवनेश्वरी:-

    मंत्र – ‘ॐ ऐं ह्रीं श्रीं नमः’

    5. देवी छिन्नमस्ता:-

    मंत्र- ‘श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वज्र वैरोचनीयै हूं हूं फट स्वाहा:’

    6. त्रिपुर भैरवी देवी:-

    मंत्र- ‘ॐ ह्रीं भैरवी कलौं ह्रीं स्वाहा:’

    7. धूमावती माता:-

    मंत्र- ‘ॐ धूं धूं धूमावती देव्यै स्वाहा:’

    8. बगलामुखी माता:-

    मंत्र – ‘ॐ ह्लीं बगलामुखी देव्यै ह्लीं ॐ नम:’

    9. मातंगी देवी:-

    मंत्र- ‘ॐ ह्रीं ऐं भगवती मतंगेश्वरी श्रीं स्वाहा:’

    10. देवी कमला:-

    मंत्र- ‘ॐ हसौ: जगत प्रसुत्तयै स्वाहा:’

    आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की तिथियां

    पहला दिन : प्रतिपदा तिथि - घटस्थापना और मां शैलपुत्री की पूजा

    दूसरा दिन : द्वितीया तिथि - मां ब्रह्मचारिणी पूजा

    तीसरा दिन: तृतीया तिथि - मां चंद्रघंटा की पूजा

    चौथा दिन: चतुर्थी तिथि - मां कूष्मांडा की पूजा

    पांचवा दिन: पंचमी तिथि - मां स्कंदमाता की पूजा

    छठा दिन : षष्ठी तिथि - मां कात्यायनी की पूजा

    सातवां दिन: सप्तमी तिथि - मां कालरात्रि की पूजा

    आठवां दिन: अष्टमी तिथि - मां महागौरी की पूजा

    नौवां दिन: नवमी तिथि - मां सिद्धिदात्री की पूजा

    10 वां दिन- नवरात्रि का पारण

    Pic Credit- Instagram/mata_vaishnodevi_shrine_board_

    डिसक्लेमर

    'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'

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