Amalaki Ekadashi 2023: आमलकी एकादशी कब? जानिए शुभ योग, मुहूर्त और महत्व
Amalaki Ekadashi 2023 पंचांग के अनुसार हर मास में दो एकादशी पड़ती है। हर एक एकादशी का विशेष महत्व है। ऐसे ही फाल्गुन मास में पड़ने वाली आमलकी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ आंवले के पेड़ की पूजा करने का विधान है।

नई दिल्ली, Amalaki Ekadashi 2023: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी कहा जाता है। इस दिन रंगभरी एकादशी का पर्व भी मनाया जाता है। हिंदू धर्म में आमलकी एकादशी का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ-साथ आंवला के पेड़ की पूजा करने का विधान है। जानिए आमलकी एकादशी की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व।
आमलकी एकादशी 2023 तिथि और शुभ मुहूर्त
फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि आरंभ- 2 मार्च को सुबह 6 बजकर 39 मिनट से शुरू
फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि समाप्त- 3 मार्च को सुबह 9 बजकर 1 मिनट तक
तिथि- उदया तिथि के हिसाब से आमलकी एकादशी 3 मार्च 2023 को मनाई जाएगी।
पूजा का शुभ समय- सुबह 06 बजकर 45 मिनट से 11 बजकर 06 मिनट तक
आमलकी एकादशी 2023 शुभ योग
आमलकी एकादशी पर तीन शुभ योग बन रहे हैं।
सर्वार्थ सिद्धि योग- सुबह 06 बजकर 45 मिनट से दोपहर 3 बजकर 43 मिनट तक
सौभाग्य योग- सुबह से लेकर शाम 6 बजकर 45 मिनट तक
शोभन योग- शाम 6 बजकर 45 मिनट से शुरू होगा।
आमलकी एकादशी 2023 पारण समय
आमलकी एकादशी व्रत का पारण 4 मार्च को सुबह 6 बजकर 44 मिनट से 9 बजकर 3 मिनट तक कर सकते हैं।
आमलकी एकादशी का महत्व
आमलकी एकादशी का व्रत काफी खास माना जाता है। माना जाता है कि आमलकी एकादशी आंवले के पेड़ की उत्पत्ति से संबंधित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने सृष्टि की रचना के लिए ब्रह्मा जी को रचा था। इसके साथ ही आंवले के वृक्ष का भी जन्म हुआ था। माना जाता है कि आमलकी एकादशी के दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही हर तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन आंवले के पौधे को लगाने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
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