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    Aja Ekadashi 2022: गृहस्थ लोग आज रखें अजा एकादशी का व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

    By Shivani SinghEdited By:
    Updated: Mon, 22 Aug 2022 07:33 AM (IST)

    Aja Ekadashi 2022 Puja Vidhi आज भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी है। इसे अजा एकादशी के नाम से जानते हैं। अजा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करने की परंपरा है। जानिए अजा एकादशी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

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    Aja Ekadashi 2022: अजा एकादशी की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

    नई दिल्ली, Aja Ekadashi 2022: पंचाग के अनुसार, साल में 24 एकादशियां पड़ती है जिसमें से हर माह में 2 एकादशी पड़ती है। पहली एकादशी कृष्ण पक्ष में होती है और दूसरी एकादशी शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है। हर एक एकादशी का अलग-अलग महत्व है। इसी तरह भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की एकादशी का भी काफी महत्व है। मान्यता है कि इस एकादशी को करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। इसके साथ ही मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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    हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व है। 22 अगस्त को भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की एकादशी पड़ रही है। इस एकादशी को अजा एकादशी के नाम से जाना जाता है। वहीं वैष्णव अजा एकादशी 23 अगस्त को मनाई जा रही है। अजा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। माना जाता है कि अजा एकादशी के दिन व्रत रखने से हर तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है। इसके साथ ही अश्वमेध यज्ञ कराने के समान पुण्य फलों की प्राप्त होती है। इसके साथ ही श्रीहरि की कृपा हमेशा बनी रहती है। जानिए अजा एकादशी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

    कब रखें एकादशी का व्रत

    शास्त्रों की बात करें तो एकादशी तिथि की वृद्धि होती है तो वो 2 दिन एकादशी पड़ती है। ऐसी स्थिति में पहले दिन गृहस्थ जीवन जीने वाले लोग व्रत रखें। क्योंकि गृहस्थ लोगों को एकादशी व्रत का पारण द्वादशी को करना चाहिए। क्योंकि त्रयोदशी में पारण का दोष है। इसके साथ ही एकादशी के दूसरे दिन वैष्णव लोग व्रत रखते हैं। क्योंकि इन पर त्रयोदशी में पारण का कोई दोष नहीं लगता है।

    अजा एकादशी की तिथि और शुभ मुहूर्त

    अजा एकादशी तिथि- 22 अगस्त, सोमवार

    एकादशी तिथि प्रारंभ - 22 अगस्त 2022 को सुबह 03 बजकर 35 मिनट तक

    एकादशी तिथि समाप्त - 23 अगस्त 2022, मंगलवार को सुबह 06 बजकर 06 मिनट तक

    वैष्णव अजा एकादशी- 23 अगस्त 2022, मंगलवार

    पारण का समय -24 अगस्त सुबह 6 बजकर 22 मिनट से 8 बजकर 30 मिनट तक

    अजा एकादशी पूजा विधि

    • अजा एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान आदि कर लें। इसके बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण कर लें।
    • इसके बाद भगवान विष्णु के सामने जाकर हाथ में जल, पुष्प और अक्षत लेकर अजा एकादशी व्रत रखने का संकल्प लें।
    • पूजा स्थान पर एक चौकी पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। फिर उनका अभिषेक करें।
    • पीले पुष्प, अक्षत, चंदन, धूप, दीप, फल, गंध, मिठाई आदि अर्पित करते हुए श्रीहरि की पूजा करें।
    • पंचामृत और तुलसी का पत्ता जरूर चढ़ाएं।
    • इसके बाद एकादशी व्रत कथा का पाठ करें या सुनें।
    • अंत में आरती करके भूल चूक के लिए क्षमा मांग लें।
    • दिनभर फलाहारी व्रत रखें। इसके साथ ही प्रसाद का वितरण कर दें।

    Pic Credit- Instagram/hindubhakat

    डिसक्लेमर

    इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।