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Parikrama ke Niyam: किस देवी-देवता की कितनी परिक्रमा लगानी चाहिए? जानें इसके बारे में सबकुछ

उपासना के दौरान परिक्रमा (Parikrama) लगाना भी पूजा एक हिस्सा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान की प्रतिमा या मंदिर की परिक्रमा लगाने से इंसान के विचारों में सकारात्मकता और पवित्रता में वृद्धि होती है। घड़ी की दिशा में परिक्रमा लगानी बेहद शुभ मानी जाती है। इस दौरान भगवान का ध्यान करना चाहिए और परिक्रमा मंत्र का जाप करना चाहिए।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Published: Tue, 26 Mar 2024 02:55 PM (IST)Updated: Tue, 26 Mar 2024 02:55 PM (IST)
Parikrama ke Niyam: किस देवी-देवता की कितनी परिक्रमा लगानी चाहिए? जानें इसके बारे में सबकुछ
Parikrama ke Niyam: किस देवी-देवता की कितनी परिक्रमा लगानी चाहिए? जानें इसके बारे में सबकुछ

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Parikrama ke Niyam: सनातन धर्म में देवी-देवता की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व है। लोग ईश्वर को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उन्हें (देवी-देवता) कई चीजें अर्पित करते हैं और अंत में उनकी परिक्रमा लगाते हैं। उपासना के दौरान परिक्रमा लगाना भी पूजा एक हिस्सा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान की प्रतिमा या मंदिर की परिक्रमा लगाने से इंसान के विचारों में सकारात्मकता और पवित्रता में वृद्धि होती है। लोग परिक्रमा तो लगाते हैं, लेकिन उन्हें यह पता नहीं होता है कि किस देवी-देवता की कितनी परिक्रमा लगानी चाहिए। अगर आपको भी इसके बारे में नहीं पता है, तो आइए इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आखिर किस देवी- देवता की कितनी परिक्रमा लगाना शुभ होता है।

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किस देवता की कितनी परिक्रमा करें

देवों के देव महादेव की आधी, भगवान विष्णु की पांच, गणपति बप्पा की चार, मां दुर्गा की एक, सूर्य देव की सात, हनुमान की जी तीन और पीपल के पेड़ की 108 परिक्रमा लगाना शुभ माना जाता है।

मान्यता है कि परिक्रमा के दौरान निम्न मंत्र का जाप करना कल्याणकारी होता है।

परिक्रमा मंत्र

यानि कानि च पापानि जन्मांतर कृतानि च। तानि सवार्णि नश्यन्तु प्रदक्षिणे पदे-पदे।।

अर्थ- इस मंत्र का अर्थ है कि कभी जीवन में गलती से किए गए और पूर्वजन्मों के सभी पाप परिक्रमा के साथ-साथ खत्म हो जाए। ईश्वर मुझे सद्बुद्धि प्रदान करें।

ऐसे करें परिक्रमा

पूजा के दौरान सच्चे मन से परिक्रमा लगानी चाहिए। घड़ी की दिशा में परिक्रमा लगानी शुभ मानी जाती है। इस दौरान भगवान का ध्यान करना चाहिए और परिक्रमा मंत्र का जाप करना चाहिए।

मान्यता है कि परिक्रमा लगाने से इंसान को सभी कष्टों से छुटकारा मिलता है और नकारत्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है। साथ ही शुभ फल की प्राप्ति होती है।

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डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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