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    आखिर ऐसी अवस्था वाली मूर्तियों को मंदिर के ऊपर स्थान क्यों दिया गया

    By Preeti jhaEdited By:
    Updated: Fri, 20 Jan 2017 11:13 AM (IST)

    संस्कृति से पूरित राज्य उड़ीसा में एक ऐसा सूर्य मंदिर है जिसके ऊपर बनी कलाकृतियां मध्य प्रदेश के खजुराहो को भी टक्कर देती हैं। इस मंदिर पर मनुष्य और जानवर के बीच के संभोग को दर्शाया गया है।

    आखिर ऐसी अवस्था वाली मूर्तियों को मंदिर के ऊपर स्थान क्यों दिया गया

    मध्य प्रदेश में बना खजुराहो मंदिर कला का अद्भुत नमूना है। लेकिन इस मंदिर को यदि किसी बात से सबसे अधिक जाना जाता है तो उसका कारण है इस मंदिर पर बनीं ‘नग्न मूर्तियां’। जो भी व्यक्ति इन मूर्तियों को देखता है उसके मन में एक ही सवाल उठता है कि आखिर संभोग की अवस्था वाली मूर्तियों को मंदिर के ऊपर स्थान क्यों दिया गया।

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    दरअसल हिन्दू धर्म में संभोग या कामसूत्र को अध्यात्म का मार्ग बताया गया है। संभोग और अध्यात्म की इस परिभाषा को समझ पाना हर आम इंसान के वश में नहीं है। खजुराहो के भीतर कई सारे हिन्दू एवं जैन मंदिर स्थापित हैं।

    लेकिन मध्य प्रदेश के खजुराहो के अलावा भी भारत में 8 अन्य खजुराहो हैं। अगर आपको यकीन नहीं होता तो चलिए एक-एक करके हम आपको उन 8 खजुराहो मंदिरों से परिचित कराते हैं जो खजुराहो मंदिर की तरह ही ‘संभोग’ को दर्शाते हैं। इसलिए इन्हें खजुराहो मंदिर जैसा ही कहा जाता है। लेकिन ये मंदिर क्यूं बने, क्या है इनका महत्व, आइए जानें.....

    उड़ीसा का सूर्य मंदिर

    संस्कृति से पूरित राज्य उड़ीसा में एक ऐसा सूर्य मंदिर है जिसके ऊपर बनी कलाकृतियां मध्य प्रदेश के खजुराहो को भी टक्कर देती हैं। इस मंदिर पर मनुष्य और जानवर के बीच के संभोग को दर्शाया गया है।

    मार्कण्डेश्वर मंदिर, महाराष्ट्र

    शिवजी को समर्पित है महाराष्ट्र में स्थित यह मंदिर। यहां रोजाना शिवजी की पूजा की जाती है। मंदिर के कई स्थानों पर कामोत्तेजना संबंधी चीजें आपको मिल जाएगी। इस मंदिर में हर साल महाशिवरात्रि पर लाखों भक्तों की भीड़ उमड़ती है।

    विरुपाक्ष मंदिर, कर्णाटक

    कर्णाटक में तुंगभद्रा नदी के पास स्थित है यह मंदिर। यह मंदिर भगवान शिव के अवतार विरुपाक्ष को समर्पित है। यह मंदिर प्राचीन है इसलिए इसकी काफी मान्यता है। लेकिन भगवान शिव के अलावा इस मंदिर में दूसरी विशेष चीज है मंदिर की दीवारों पर बनी महिलाओं का नग्न मूर्तियां, जो कि पुरुषों को अपनी ओर आकर्षित करने की अवस्था में बनाई गई हैं।

    सूर्य मंदिर, गुजरात

    यूं तो कोणार्क सूर्य मंदिर को ही भारत का प्राचीनतम एवं इकलौता सूर्य मंदिर माना जाता है, लेकिन कहते हैं कि गुजरात का यह सूर्य मंदिर भी काफी पुराना है। यह मंदिर गुजरात की पुष्पावती नदी के समीप स्थित है।

    रणकपुर जैन मंदिर, राजस्थान

    संगमरमर मंदिर के नाम से जाना जाता है रणकपुर का जैन मंदिर। इस मंदिर में भी संभोग और प्रेम को दर्शाती कई सारी मूर्तियां उपस्थित हैं।

    पदावली मंदिर, मध्य प्रदेश

    असली खजुराहो के अलावा मध्य प्रदेश में ही एक मंदिर ऐसा है जो कामोत्तेजना की परिभाषा देती वस्तुओं से युक्त है। यह मंदिर ग्वालियर से 40 किमी. की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर को ‘छोटे खजुराहो’ के नाम से भी जाना जाता है।

    ओसियां, राजस्थान

    राजस्थान के थार जिले में 11वीं शताब्दी को दर्शाते कई सारे हिन्दू एवं जैन मंदिर पाए जाते हैं। इन्हीं में से एक है सच्चियाय माता जी का मंदिर। यह मंदिर माता सच्चियाय को समर्पित है। मंदिर की कई दीवारों पर कामोत्तेजना को दर्शाती आकृतियां बनी हुई हैं। इतना ही नहीं, बिस्तर पर संभोग की आवस्था में लेटे स्त्री-पुरुष भी इन मूर्तियों में शामिल हैं।

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