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    Sawan 2025: हर-हर महादेव की गूंज संग पूरा हुआ रुद्राभिषेक

    Updated: Mon, 14 Jul 2025 12:32 PM (IST)

    सावन शुरू होते ही नोएडा के सेक्टर 2 स्थित लाल मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। 1963 में स्थापित यह प्राचीन मंदिर हरौला ग्राम सभा की जमीन पर बना है। मंदिर लाल पत्थरों से बना है और यहां शिव परिवार सहित अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं। सावन माह में यहां रुद्राभिषेक और विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।

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    Sawan 2025: श्री लाल मंदिर की विशेषताएं।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। श्रावण मास शुरू होते ही मंदिरों में भक्तों की कतारें सुबह से ही लगने लगी हैं। सेक्टर 2 स्थित लाल मंदिर में भगवान शिव को बेलपत्री संग जल चढ़ाने के लिए भक्तों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। मंदिर का इतिहास नोएडा शहर की स्थापना से भी पुराना है। इसकी स्थापना 1963 में हुई थी। यह सबसे प्राचीन मंदिर है। इसमें शिव परिवार व अन्य देवी-देवताओं की आकर्षक मूर्तियां हैं। जिस जमीन पर आज मंदिर स्थापित है, वह पहले कभी हरौला ग्राम सभा की जमीन हुआ करती थी।

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    इसकी स्थापना हरौला निवासी अनंत अवाना ने की। यहां पहले शिवलिंग की स्थापना की गई थी। इसके बाद यहां उत्तराखंड से संत मथुरा दास आए और यहीं रहने लगे। उन्होंने धीरे-धीरे मंदिर के प्रांगण का विस्तार करना शुरू किया।

    ऐसे पहुंचे मंदिर

    सेक्टर-2 स्थित लाल मंदिर पहुंचना बेहद आसान है। इसके लिए मेट्रो से सेक्टर 15 या 16 उतर कर रिक्शे से अथवा पैदल जा सकते हैं।

    विशेषताएं

    मंदिर लाल पत्थरों से बनाया गया है। इसलिए इसे लाल मंदिर भी कहते हैं। मंदिर के प्रांगण को गुलशन कुमार ने फिल्मों की शूटिंग के लिहाज से बनवाया था। यहां आते ही भक्त की सारी चिंताएं दूर हो जाती हैं। मन प्रसन्न हो उठता है। श्रावण मास के दिनों में यहां भारी संख्या में भक्त आते हैं भगवान शिव का रूद्राभिषेक करते हैं। मंदिर में कांवड़ियां 23 जुलाई से कांवड़ चढ़ाने पहुंचेंगे। उन भक्तों के लिए विशेष प्रसाद और पूजा की तैयारियां की गई हैं।

    भक्तों की भारी भीड़

    श्रावण मास के पहले सोमवार को भक्तों की भारी भीड़ उमड़ेगी। समस्त तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। रोजाना भगवान शिव का रूद्राभिषेक हो रहा है। भगवान शिव का विशेष श्रृंगार किया जा रहा है। - पंडित दिवाकर शास्त्री, पुजारी

    मंदिर को बहुत ही आकर्षक तरीके से सजाया गया है। यह शहर का सबसे प्राचीन मंदिर है। यहां पूजा के लिए बड़ी संख्या में भक्त आते हैं। श्रावण के पूरे माह रूद्राभिषेक किया जाएगा। - संत मथुरा दास, संचालक

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