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    Nidhivan Ka Rahasya: निधिवन में रात को अंदर जाने की क्यों मनाही है? जानें इसका रहस्य

    By Kaushik SharmaEdited By: Kaushik Sharma
    Updated: Mon, 29 Jan 2024 11:40 AM (IST)

    निधिवन में भगवान श्रीकृष्ण की छवि देखने को मिलती है। कृष्ण के भक्त अधिक संख्या में रोजाना निधिवन भगवान श्रीकृष्ण और श्री राधा जी के दर्शन करने के लिए आते हैं। मान्यता है कि निधिवन में भगवान श्रीकृष्ण आज भी रात के समय गोपियों के साथ रास रचाने आते हैं। सूर्यास्त होने के बाद निधिवन में लोगों का प्रवेश वर्जित है।

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    Nidhivan Ka Rahasya: निधिवन में रात को अंदर जाने की क्यों मनाही है? जानें इसका रहस्य

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Nidhivan Ka Rahasya: मथुरा के वृंदावन में निधिवन एक बेहद पवित्र धार्मिक स्थल है। यहां पर भगवान श्रीकृष्ण की छवि देखने को मिलती है। कृष्ण के भक्त अधिक संख्या में रोजाना निधिवन भगवान श्रीकृष्ण और श्री राधा जी के दर्शन करने के लिए आते हैं। मान्यता है कि निधिवन में भगवान श्रीकृष्ण आज भी रात के समय गोपियों के साथ रास रचाने आते हैं। सूर्यास्त होने के बाद निधिवन में लोगों का प्रवेश वर्जित है। चलिए हम आपको बताएंगे आखिर निधिवन में रात को अंदर जाने की क्यों मनाही है?

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    निधिवन का रहस्य

    निधिवन में शाम की आरती होने के बाद लोगों के अंदर जाने पर रोक लगा दी जाती है और सभी श्रद्धालुओं को बाहर कर दिया जाता है। निधिवन में एक छोटा सा महल है। यह रंग महल के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, रात को रंग महल में भगवान श्रीकृष्ण गोपियों के साथ रासलीला रचाने के लिए आते हैं। ऐसा बताया जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण के इस रास को जिसने देखा वो पागल हो गया या उसकी मौत हो गई। इसी कारण से निधिवन में रात को अंदर जाने की मनाही है।

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    लोगों का ऐसा कहना है कि निधिवन में रात को भगवान श्रीकृष्ण शयन भी करते हैं। उनके लिए पंडित जी सोने के लिए पलंग लगाते हैं, लेकिन अगले दिन जब सुबह मंदिर के पट खुलते हैं, तो बिस्तर उलझे हुए पड़े होते हैं। ऐसा देखकर लोग अचंभित हो जाते हैं।

    निधिवन के मंदिर में भगवान को रोजाना माखन और मिश्री का भोग लगाया जाता है। क्योंकि भगवान श्रीकृष्ण को माखन और मिश्री बेहद प्रिय है। इस भोग को प्रसाद के तौर पर दिया जाता है, जो हिस्सा बच जाता है उसे वही पर रख दिया जाता है और सुबह होने पर माखन मिश्री साफ मिलता है।

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    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'