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Navratri 2022 Shakti Peeth: सबसे चमत्कारी हैं मां दुर्गा के ये चार शक्ति पीठ

Shardiya Navratri 2022 इस वर्ष शारदीय नवरात्र पर्व 26 सिंतबर से शुरू हो चुका है। शारदीय नवरात्र पर्व में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इए जानते हैं मां दुर्गा के कुछ चमत्कारी सिद्ध पीठ।

By Shantanoo MishraEdited By: Published: Mon, 26 Sep 2022 04:36 PM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2022 04:36 PM (IST)
Navratri 2022 Shakti Peeth: सबसे चमत्कारी हैं मां दुर्गा के ये चार शक्ति पीठ
Navratri 2022 Maa Durga Shakti Peeth: देश के कुछ हिस्मांसों में मां दुर्गा के कुछ चमत्शकारी शक्ति पीठ मौजूद हैं।

नई दिल्ली, Navratri 2022, Maa Durga Shakti Peeth: देशभर में शारदीय नवरात्र पर्व की चमक चारों ओर दिखाई दे रही है। मां दुर्गा को समर्पित यह महापर्व 26 सितम्बर से शुरू हो चुका है। ऐसे में मंदिरों में भक्तों का ताता लगना समय दर समय बढ़ता ही जा रहा है। बता दें कि देशभर में माता दुर्गा के 51 शक्तिपीठ मौजूद हैं। जहां नवरात्र पर्व के दौरान लाखों की संख्य में भक्त दर्शन के लिए आते हैं। आइए जानते हैं देशभर में किन 6 शक्तिपीठों को माना जाता है सबसे शक्तिशाली।

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माता ज्वालादेवी

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में स्थापित माता ज्वाला देवी मंदिर की गणना सबसे शक्तिशाली शक्ति पीठों में होती है। किवदंतियों के अनुसार इस स्थान पर माता सती की जिह्वा अर्थ जीभ गिरी थी। इस स्थान में कई वर्षों से पृथ्वी के भीतर से अग्नि निकल रही है जो कभी शांत नहीं होती है। मान्यता है कि यहां मां ज्वाला देवी के दर्शन करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। नवरात्र पर्व के दौरान यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।

माता मनसादेवी

उत्तराखंड के हरिद्वार में विराजमान माता मनसा देवी मन्दिर को बहुत ही सिद्ध पीठ माना गया है। इस स्थान पर त्रिकोणीय शक्ति प्रवाह होती है। यहां नीलपर्वत पर देवी चंडी, दक्षेश्वर में माता पार्वती और बिल्वपर्वतवासिनी पर माता ,मनसादेवी स्थित हैं। यहां दर्शन करने वाले सभी भक्तों की मनोकामना पूर्ण हो जाती है।

माता नैना देवी

देवभूमि उत्तराखंड में ही मल्लीताल में स्थित माता नैना देवी को बहुत सिद्ध पीठ माना जाता है। त्रि-ऋषिसरोवर के किनारे स्थित माता नैना देवी मंदिर को बहुत ही चमत्कारी माना जाता है। किवदंतियों के अनुसार इस स्थान पर प्राचीन काल में ऋषि अत्रि, पुलस्त्य तथा पुलह की साधना स्थली थी। मान्यताओं के अनुसार यहां आने वाले भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है और आंखों से जुड़ी समस्याओं का भी निवारण हो जाता है।

विन्ध्याचल शक्ति पीठ

उत्तर प्रदेश में स्थित विन्ध्याचल शक्ति पीठ को बहुत ही चमत्कारी माना जाता है। इस स्थान पर माता श्रीविन्ध्यवासिनी ने शुम्भ और निशुम्भ नामक असुरों का संहार किया था। यहां माता विन्ध्यवासिनी, मां लक्ष्मी, माता काली और पर्वत पर माता सरस्वती विराजमान हैं। यहां त्रिकोणीय उर्जा का संचार होता है। मान्यताओं के अनुसार यहां दर्शन के लिए आए श्रधालुओं को कभी भी खली हाथ नहीं लौटना पड़ता है।

डिसक्लेमर

इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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