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Nageshvara Temple: नागेश्वर मंदिर में दर्शन करने मात्र से मिल जाती हैं नाग दोष से मुक्ति, जानिए पौराणिक कथा

Nageshvara Temple भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक नागेश्वर ज्योतिर्लिंग गुजरात राज्य के बाहरी क्षेत्र में द्वारिकापुरी से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव को नागों के देवता के रूप में जाना जाता है।

By Shivani SinghEdited By: Shivani SinghPublished: Fri, 17 Feb 2023 02:39 PM (IST)Updated: Fri, 17 Feb 2023 02:39 PM (IST)
Nageshvara Temple: नागेश्वर मंदिर में दर्शन करने मात्र से मिल जाती हैं नाग दोष से मुक्ति, जानिए पौराणिक कथा
Nageshvara Temple: नागेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन करने मात्र से मिल जाती हैं नाग दोष से मुक्ति

नई दिल्ली, Mahashivratri 2023, Nageshwar Jyotirlinga: 12 ज्योतिर्लिंग में से एक द्वारका के नागेश्वर महादेव मंदिर को माना जाता है। गुजरात के द्वारका धाम से 17 किलोमीटर बाहरी क्षेत्र की ओर यह मंदिर स्थित है। माना जाता है कि जिन लोगों की कुंडली में नाग, सर्प दोष होता है उन्हें इस मंदिर में अवश्य आना चाहिए। इस मंदिर में अलग-अलग धातुओं से बने नाग-नागिन अर्पित करने से नाग दोष से छुटकारा मिल जाता है। जानिए नागेश्वर मंदिर के बारे में सबकुछ।

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रुद्र संहिता में इन भगवान को दारुकावने नागेशं कहा गया है। नागेश्वर को पृथ्वी पर प्रथम ज्योतिर्लिंग माना जाता है। नागेश्वर का अर्थ है नागों के भगवान। नाग जो भगवान शिव के गर्दन में चारों ओर लिपटा होता है।

नागेश्वर मंदिर की पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, दारूका नाम की एक राक्षस कन्या से मां पार्वती की कठिन तपस्या करके उन्हें प्रसन्न करके वरदान प्राप्त किया। वरदान मांगते हुए दारुका ने कहा कि हम दारुका वन नहीं जा सकते हैं, लेकिन वहां पर कई प्रकार की दैवीय औषधियां है। सद्कर्मों के लिए हम राक्षसों को उस वर में जाने का वरदान दें। ऐसे में मां पार्वती ने उन्हें वरदान दे दिया। लेकिन जैसे ही उन्हें वरदान मिला वैसे ही उन्होंने वन में उत्पात मचाना शुरू कर दिया और वन को देवों से छीन लिया। इसके साथ ही वन में रहने वाले शिव भक्त सुप्रिया को बंदी बना लिया। ऐसे में सुप्रिया ने शिव जी की तपस्या करके राक्षसों से खुद का बचाव और उनका नाश का वरदान मांग लिया। अपने भक्त की आवाज सुनकर भगवान शिव एक बिल से प्रकट हुए और उनके  साथ ही चार दरवाजों का एक सुंदर मंदिर प्रकट हुआ और बीच  में एक दिव्य ज्योतिर्लिंग प्रकाशित हो रहा था। भक्त सुप्रिया ने विधिवत तरीके से शिव जी की पूजा की और वरदान में राक्षसों का नाश मांग लिया।

Pic Credit- Instagram/nageshwar_jyotirling

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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