Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जानिए, पावन धाम यमुनोत्री के बारे में सबकुछ

    By Umanath SinghEdited By:
    Updated: Thu, 20 Jan 2022 06:23 AM (IST)

    सनातन शास्त्रों में निहित है कि इस स्थल पर असित मुनि रहते थे। आसान शब्दों में कहें तो यमुनोत्री उनका निवास स्थान था। ब्रह्मांड पुराण में यमुनोत्री को ...और पढ़ें

    Hero Image
    जानिए, पावन धाम यमुनोत्री के बारे में सबकुछ

    उत्तराखंड को देवों की भूमि कहा जाता है। इस पावन स्थल पर कई प्रमुख धार्मिक स्थल हैं। इनमें चार धाम यात्रा विश्व प्रसिद्ध है। ये धाम क्रमशः यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ हैं। चार धाम यात्रा की शुरुआत यमुनोत्री से होती है। समुद्रतल से यमुनोत्री की ऊंचाई 3235 मी है। इस स्थान पर मां यमुना का मंदिर स्थापित है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सनातन शास्त्रों में निहित है कि इस स्थल पर असित मुनि रहते थे। आसान शब्दों में कहें तो यमुनोत्री उनका निवास स्थान था। ब्रह्मांड पुराण में यमुनोत्री को पावन स्थल बताया गया है। साथ ही यमुना नदी के बारे में विस्तार से बताया गया है।

    महाभारत काल में पांडवों ने चार धाम यात्रा की शुरुआत यमुनोत्री से की थी। इसके बाद क्रमशः गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्रा की थी। उस समय से चार धाम यात्रा की शुरुआत यमुनोत्री से की जाती है। यमुनोत्री प्रांगण में एक स्तंभ स्थापित है। इस विशाल स्तंभ को दिव्यशिला कहा जाता है। इस मंदिर के प्रांगण में पदयात्रा कर पहुंचना होता है।

    पूर्व में वाहन से श्रद्धालु हनुमान चट्टी तक पहुंचते थे। इस स्थल से मंदिर की दूरी 14 किलोमीटर है। वहीं, अब श्रद्धालु जानकी चट्टी तक वाहन से पहुंच सकते हैं। यहां से मंदिर की दूरी महज 5 किलोमीटर है। इस दौरान श्रद्धालु देवी-देवताओं का उद्घोष करते हैं। ऋषिकेश से यमुनोत्री की दूरी 200 किलोमीटर है। माता यमुना मंदिर का निर्माण टिहरी गढवाल के महाराजा प्रताप शाह ने करवाया था।

    मंदिर के कपाट दीवाली के बाद बंद कर दिए जाते हैं। वहीं, अक्षय तृतीया के दिन चार धाम के कपाट खोले जाते हैं। हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु चार धाम की यात्रा करते हैं। श्रद्धालु देश की राजधानी दिल्ली से वायु, सड़क और रेल मार्ग के जरिए यमुनोत्री के निकटतम गंतव्य तक पहुंच सकते हैं।

    डिसक्लेमर

    'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'