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    Rameshwaram Jyotirling : रामेश्वरम् ज्योतिर्लिंग, जिसकी स्थापना स्वयं प्रभु श्रीराम ने की, यहां मिलता है दर्शन का विशेष लाभ

    By Ritesh SirajEdited By:
    Updated: Tue, 06 Jul 2021 04:43 PM (IST)

    Rameshwaram Jyotirling रामेश्वर ज्योतिर्लिंग चार धामों में से एक रामेश्वर धाम है। रामेश्वर का पौराणिक नाम गंधमादन है जिस तरह भारत के उत्तर में काशी का विशेष स्थान है उसी तरह दक्षिण में रामेश्वरम् का महत्व है।

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    भारत में प्राचीन काल से धार्मिक तीर्थों का विशेष महत्व है।

    Rameshwaram Jyotirling : सावन माह में भगवान शिव की पूजा पूरी श्रद्धा और भक्ति से की जाती है। शिव की पूजा से व्यक्ति के जीवन में खुशहाली का आगमन होता है। सावन में शिव अराधना से भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण होती है। शिव भक्ति से व्यक्ति के जीवन में आने वाले सभी कष्टों का निवारण होता है, इसलिए सावन माह में शिव पूजा को बहुत महत्व दिया गया है। देश भर में शिव जी के लाखों मंदिर हैं परंतु 12 ज्योतिर्लिंग का बहुत ही खास महत्व है। सावन में इनके दर्शन मात्र से ही पुण्यलोक की प्राप्ति होती है। 12 ज्योतिर्लिंग मे से रामेश्वरम् ज्योतिर्लिंग बहुत ही खास है।

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    रामेश्वरम् ज्योतिर्लिंग

    भारत में प्राचीन काल से धार्मिक तीर्थों का विशेष महत्व है। रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग चार धामों में से एक धाम है। रामेश्वर का पौराणिक नाम गंधमादन है। जिस तरह भारत के उत्तर में काशी का विशेष स्थान है, उसी तरह दक्षिण में रामेश्वरम् का महत्व है। रामेश्वरम् चेन्नई से लगभग 425 मील दूर स्थित है। रामेश्वरम् मंदिर जाने के लिए एक पुल है, जो 145 खंभों पर खड़ा है और करीब सौ साल पुराना है।

    रामेश्वरम् ज्योतिर्लिंग की स्थापना

    इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना स्वयं भगवान राम के द्वारा की गई है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, जब भगवान श्रीराम लंका पर आक्रमण करने जा रहे थे, तब उन्होंने समुद्र के किनारे शिवलिंग बनाकर उनकी पूजा अर्चना की थी। शिव को भगवान राम अपना अराध्य देवता मानते हैं, इसीलिए युद्ध से पहले भगवान राम ने शिव की पूजा की। इसी को रामेश्वरम् कहा गया। राम के मुताबिक इसका मतलब 'राम के ईश्वर' है।

    डिसक्लेमर

    'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'